Rahul Gandhi: राहुल गांधी की नागरिकता क्यों नहीं ख़त्म हो रही? ब्रिटिश कंपनी में एनुअल फाइल के सबूत के साथ बोले सुब्रमण्यन स्वामी

राहुल गांधी की नागरिकता पर एक बार फिर सवाल उठने लगे। बीजेपी नेता ने केंद्र सरकार से ये सवाल पूछा कि आप राहुल गाँधी की नागरिकता क्यों नहीं ख़त्म कर रहें है। उनका नाम ब्रिटिश कंपनी के दस्तावेज में लिखा हुआ है।

Update: 2024-08-16 12:50 GMT

राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया जहाँ उन्होंने वो दस्तावेज भी दिखाए जिसमें ब्रिटिश कंपनी के एनुअल फाइल में राहुल गाँधी का नाम लिस्ट हुआ है। उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। सुब्रमण्यन स्वामी का कहना है कि राहुल गाँधी ने ब्रिटिश कंपनी में दर्ज किये गए एनुअल रिटर्न में खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है। इसी के साथ उन्होंने मोदी सरकार पर सवाल करते हुए कहा कि क्या सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी आपको ब्लैकमेल कर रहें है जिसकी वजह से आप इनकी नागरिकता नहीं ख़त्म कर पा रहे है।

मोदी सरकार क्यों नहीं दिखा रही सख्ती

विराट हिंदुस्तान संगम संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव जगदीश शेट्टी का एक पोस्ट सुब्रमण्यन स्वामी ने 12 अगस्त को अपने एक्स पर शेयर किया है। जिसमें सबूत के साथ यह कहा गया है कि मोदी सरकार नेशनल हेराल्ड केस वाले मामले में राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के प्रति उदारता दिखा रही है। अपने पोस्ट में जगदीश शेट्टी ने यह सवाल किया कि नियमों के तरह उनपर तुरंत सुनवाई क्यों नहीं हो रही जैसे बाकी नेताओं के साथ होता है। इसी के साथ सुब्रमण्यन स्वामी ने 10 अगस्त को एक और पोस्ट शेयर किया है जिसमें गृह मंत्रालय की तरफ से राहुल गाँधी को एक चिट्ठी भेजी गई है। और उन्होंने पोस्ट में लिखा जब राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे तब यह चिट्ठी भेजी गई थी लेकिन अब अमित शाह इस मामले को आगे क्यों नहीं बढ़ा रहे है इसे दबा के क्यों रखा है।

क्यों नहीं ख़त्म हो रही राहुल गाँधी की नागरिकता

सुब्रमण्यन स्वामी के सहयोगी और वकील सत्य सभरवाल ने गृह मंत्रालय के लिए पीआईएल फाइल की है। जोकि इसीलिए है क्योंकि मंत्रालय राहुल गाँधी पर एक्शन लेने में फेल नजर आ रही है। सुब्रमण्यन स्वामी काफी समय से यह आरोप लगा रहे है कि उनके ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है। भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है। अगर कोई व्यक्ति किसी और देश की नागरिकता लेता है तो वो भारत में किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं रह सकता और न ही चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा ले सकता है।


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