Parvesh Verma: सीएम का बेटा नहीं बना सीएम, जानें प्रवेश वर्मा के हाथ से कैसे गई दिल्ली की कुर्सी, समझें पूरा फैक्टर
Parvesh Verma: लंबे इन्तजार के बाद रेखा गुप्ता को विधायक दलों की सहमति के साथ दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुन लिया गया है।;
Parvesh Verma: दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से ही जिस चेहरे का नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे था वो है प्रवेश वर्मा का। प्रवेश वर्मा ने ही नई दिल्ली सीट से अरविन्द केजरीवाल को चुनाव में हराया था। ऐसे में उन्हें दिल्ली सीएम के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया प्रवेश वर्मा के नाम के साथ-साथ कुछ और नामों की भी चर्चा तेज हो गई। जिसमें बाद में बनिया और महिला फैक्टर जुड़ा और उनके साथ ही रेखा गुप्ता का नाम चर्चा में आने लगा। पूरी मीडिया में दिल्ली सीएम के नाम पर कहीं प्रवेश वर्मा तो कहीं रेखा गुप्ता ही छपने लगे थे। लेकिन बावजूद इसके कुछ लोगों का कहना था कि बीजेपी प्रवेश वर्मा को ही दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएगी। लेकिन आज 19 फरवरी को दिल्ली बीजेपी कार्यालय में विधायक दलों की बैठक में रेखा गुप्ता को दिल्ली सीएम के लिए चुन लिया गया। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ प्रवेश वर्मा को दिल्ली का डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। जानें केजरीवाल को हारने के बाद भी प्रवेश वर्मा के हाथ से कैसे फिसल गई दिल्ली की कुर्सी।
परिवारवाद बताई जा रही सबसे बड़ी वजह
जानकारी के लिए बता दें कि प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। इनके पिता 27 फरवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998 तक दिल्ली के सीएम थे। दिल्ली में मुख्यमंत्री चुनना कोई आसान काम नहीं था। क्योंकि बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली वापसी की है इसीलिए उसे किसी ऐसे चेहरे की तलाश थी जिसको चुनने के बाद वो अपने ऊपर किसी आरोप को न ले सके। क्योकि प्रवेश वर्मा के पिता पहले दिल्ली के सीएम रह चुके थे इसीलिए बीजेपी अपने ऊपर परिवारवाद का आरोप नहीं लेना चाहती थी। और इसके अलावा बीजेपी दिल्ली के लोगों को यह सन्देश देना चाहती थी कि वो किसी भी आम चेहरे को शीर्ष पद दे सकती है। कुछ और राज्य जैसे मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बीजेपी ने ऐसा ही किया था। बता दें कि प्रवेश वर्मा जाट समुदाय से आते हैं। दिल्ली में जाट समुदाय के लोगों ने बीजेपी पर पूरा भरोसा भी जताया इसीलिए बीजेपी ऐसा मान के चल रही है कि जाट समुदाय को उससे किसी तरह की नाराजगी नहीं है। वहीं रेखा गुप्ता की बात की जाए तो वो बनिया समुदाय से आती है और केजरीवाल भी बनिया समुदाय से थे इसीलिए बीजेपी ने इसी पर अपना पूरा फोकस रखा था। जिससे कि दिल्ली की जनता का विश्वास बना रहे।
महिला को बनाना था सीएम
बीजेपी ने अपने चुनावी वादों में भी महिलाओं को काफी तवज्जों दी थी। अब जब उनकी सरकार दिल्ली में बन गई तो जनता को यह सन्देश भी देना था कि उनकी पार्टी महिलाओं के लिए काम करने वाली है। इसीलिए बीजेपी की पहली पसंद रेखा गुप्ता बनी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के लिए। बता दें की वर्तमान में एनडीए की 20 राज्यों में सरकारें हैं। लेकिन अभी तक कहीं भी कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं चुनी गई। लेकिन दिल्ली में महिला को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने महिला वोट बैंक को अपनी तरफ करने की पूरी कोशिश की है। सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि साल 2026 के शुरुआत में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होना है जहाँ वर्तमान में एक महिला सीएम है। इसीलिए उस चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने दिल्ली में महिला चेहरे पर फोकस किया है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल चुनाव में रेखा गुप्ता स्टार प्रचारक की भूमिका में नजर आएगी।
कौन हैं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
रेखा गुप्ता दिल्ली के शालीमार सीट से विधायक है। इस विधानसभा चुनाव में उन्हें 29,595 वोट से जीत हासिल हुई है। वो BJP महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। वो छात्र जीवन से ही राजनीति में आई थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की सचिव और अध्यक्ष रहीं। 2007 और 2012 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद बनीं। उन्हें 2015 और 2020 में विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।