PKC Scheme: मध्य प्रदेश-राजस्थान में होगा आज MOU, सीएम बोले- कांग्रेस सरकार के दौरान 20 साल तक टलती रही साझेदारी

Update: 2024-12-17 04:18 GMT

मध्य प्रदेश-राजस्थान में होगा आज MOU

Parvati Kalisindh Chambal River Linking Project : नई दिल्ली। आज मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच ऐतिहासिक 'पार्वती-कालीसिंध-चंबल रिवर लिंकिन परियोजना' (Parvati-Kalisindh-Chambal River Linking Project) की शुरुआत होने जा रही है। इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जयपुर (Jaipur) से इस योजना की शुरुआत करेंगे। कार्यक्रम से पहले सीएम मोहन यादव ने कहा कि, कांग्रेस सरकार के दौरान यह साझेदारी 20 साल तक टलती रही।

इस अवसर पर राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के साथ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल (C.R. Patil) भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के अलावा केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) के बीच एक त्रिस्तरीय समझौता (MoU) होगा और परियोजना पर काम शुरू किया जाएगा।

मध्य प्रदेश को मिलेगा बड़ा फायदा

पार्वती काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना (Parvati-Kalisindh-Chambal River Linking Project) का भूमिपूजन मध्य प्रदेश के 12 जिलों के हजारों गांवों को पानी उपलब्ध कराने में मदद करेगा। इसके अलावा, मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई (Irrigation) की सुविधा मिल सकेगी। इस परियोजना से 40 लाख की आबादी को पीने का पानी भी मिलेगा। मुख्यतः श्योपुर, उज्जैन, गुना, शिवपुरी, आगर-मालवा और इंदौर जैसे प्रमुख जिलों को इस परियोजना से फायदा होगा। जल बंटवारे को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच पिछले 20 वर्षों से विवाद चल रहा था, जिसे अब पूरी तरह सुलझा लिया गया है।

72 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट

इस परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ रुपये (72,000 Crores) है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद बांधों और तालाबों की जलभराव क्षमता (Water Storage Capacity) को बढ़ाया जाएगा, और लगभग 172 मिलियन घन मीटर पानी (172 Million Cubic Meters) का रिजर्ववेशन (Reservoir) किया जाएगा। मुख्यमंत्रीमोहन यादव (CM Mohan Yadav) का कहना है कि यह परियोजना दोनों राज्यों के किसानों के लिए एक बड़ा लाभ साबित होगी। यह योजना खासकर किसानों के लिए एक वरदान साबित होगी, क्योंकि इससे फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा।

तीन नदियां आपस में जुड़ेंगी

इस परियोजना के तहत तीन नदियाँ - पार्वती, कालीसिंध, और चंबल (Parvati, Kalisindh, Chambal) को आपस में जोड़ा जाएगा। ये तीनों नदियाँ मध्य प्रदेश और राजस्थान से होकर बहती हैं। चंबल नदी (Chambal River) मध्य प्रदेश के धार, रतलाम, उज्जैन, भिंड और मुरैना जिलों से होकर राजस्थान पहुंचती है। दूसरी ओर, पार्वती नदी (Parvati River) विंध्याचल पहाड़ियों से निकलकर गुना जिले से होती हुई राजस्थान में प्रवेश करती है, और फिर चंबल नदी से मिल जाती है। इसी तरह कालीसिंध नदी (Kalisindh River) देवास जिले से निकलकर राजगढ़ होते हुए राजस्थान में प्रवेश करती है और चंबल नदी में मिल जाती है। इन तीनों नदियों को जोड़ने के लिए परियोजना पर काम किया जाएगा, और इसे अगले पांच सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

वर्षों से चला आ रहा विवाद सुलझा

जल बंटवारा (Water Sharing) को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच करीब दो दशकों से विवाद चल रहा था, जो अब इस परियोजना के साथ पूरी तरह सुलझ जाएगा। यह परियोजना दोनों राज्यों के लिए एकव् महत्वपूर्ण मील का पत्थर (Milestone) साबित हो सकती है, क्योंकि इससे न केवल जल संकट कम होगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी समृद्धि आएगी।

एमपी के 11 जिलों और राजस्थान के 13 जिलों को मिलेगा पानी

सीएम मोहन यादव ने कहा, यह एमपी और राजस्थान के लिए ऐतिहासिक दिन है। PKC योजना (Parvati-Kalisindh-Chambal) के 'नदी जोड़ो' अभियान के तहत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने वाले हैं, जिसके तहत भारत सरकार एमपी और राजस्थान को 17,000 करोड़ रुपये का उपहार देगी, जिससे एमपी के 11 जिलों और राजस्थान के 13 जिलों को पीने का पानी और सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। कांग्रेस सरकार के दौरान यह साझेदारी 20 साल तक टलती रही।

Tags:    

Similar News