CG NEWS: जुमे की नमाज के बाद तकरीर के लिए लेनी होगी अनुमति, औवेसी बोले- वक्फ बोर्ड के पास ऐसी कोई कानूनी ताकत नहीं

Update: 2024-11-18 08:24 GMT

Uproar over permission for speech after Friday prayers : रायपुर। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने हाल ही में नया फरमान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि, छत्तीसगढ़ की मस्जिदों में जुमे की नमाज के बाद होने वाली तकरीर से पहले वक्फ बोर्ड की इजाजत लेनी पड़ेगी। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और  BJP नेता डॉ. सलीम राज ने बताया कि, यह आदेश 22 नवंबर से लागू हो जाएगा। इस पर AIMIM के नेता असदुद्दीन औवेसी भड़क गए। उन्होंने इसे संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा कि, वक्फ बोर्ड के पास ऐसी कोई कानूनी ताकत नहीं होती। 

राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने बताया कि, तकरीर के टॉपिक विवादित ना हो, इसलिए छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के सदस्यों द्वारा यह निर्णय लिया गया है। इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। मुतवल्ली इस नियम का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ FIR भी दर्ज कराई जाएगी। यह नियम अगले शुक्रवार से लागू हो जाएगा। बता दें कि, छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य होगा, जो तकरीर पर नजर रखेगा।

व्हाट्सऐप ग्रुप से होगी मॉनिटरिंग

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के सदस्यों के मुताबिक, इसकी मॉनिटरिंग व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए की जाएगी। इस ग्रुप के में छत्तीसगढ़ की की मस्जिदों के मुतवल्लियों को जोड़ा जाएगा। जुम्मे की नमाज के बाद होने वाले तकरीर में किन मुद्दों पर चर्चा होगी, इसकी जानकारी मुतवल्ली ग्रुप में देंगे। 

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार का वक़्फ़ बोर्ड

AIMIM के नेता असदुद्दीन औवेसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि, छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार का वक़्फ़ बोर्ड चाहता है के जुम्माह का खुतबा देने से पहले खतीब अपने खुतबे की जाँच वक़्फ़ बोर्ड से करवायें और बोर्ड की इजाज़त के बिना खुतबा ना दें।

अब भाजपाई हमें बतायेंगे के दीन क्या है? अब अपने दीन पर चलने के लिए इनसे इजाज़त लेनी होगी? वक़्फ़ बोर्ड के पास ऐसी कोई क़ानूनी ताक़त नहीं, अगर होती भी तो भी वो संविधान के दफा 25 के ख़िलाफ़ होती।

 

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