Raipur Land Fraud: रायपुर में 5.52 लाख की ठगी, जमीन नीलामी में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा

Update: 2025-04-13 08:16 GMT
रायपुर में 5.52 लाख की ठगी, जमीन नीलामी में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
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IDFC First Bank Fraud in Raipur : रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक सनसनीखेज जमीन नीलामी घोटाले ने सभी को चौंका दिया है। यह मामला डीडी नगर थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां IDFC फर्स्ट बैंक पर गंभीर धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ता नवनीत चौरसिया ने बताया कि बैंक ने ऐसी जमीन की नीलामी का विज्ञापन निकाला, जो उनकी नहीं थी, और इसके जरिए उनसे 5 लाख 52 हजार रुपये ठग लिए गए। इस घटना ने न केवल बैंक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि आम लोगों का भरोसा भी डगमगा दिया है।

नवनीत चौरसिया के मुताबिक, उन्होंने IDFC फर्स्ट बैंक द्वारा जारी नीलामी विज्ञापन देखा, जिसमें दो अलग-अलग जमीनों की बोली की जानकारी दी गई थी। विज्ञापन पर भरोसा करते हुए उन्होंने दोनों जमीनों के लिए बोली लगाई और बोली जीतने के बाद 5.52 लाख रुपये बैंक के खाते में जमा कर दिए। लेकिन जब वह जमीन का मुआयना करने मौके पर पहुंचे, तो उनके होश उड़ गए।

जिस जमीन को नीलाम बताया गया था, वह पहले से ही किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड थी, और बैंक का उस पर कोई हक नहीं था। यह जानकर नवनीत को गहरा धक्का लगा, क्योंकि उनकी मेहनत की कमाई धोखे में चली गई थी।

एक ही जमीन को दो बार दिखाने का खेल

नवनीत ने बताया कि बैंक ने दो अलग-अलग जमीनों के नाम पर बोली प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन दोनों बार एक ही जमीन का स्थान दिखाया गया। यह जमीन किसी और की थी, और बैंक ने इसे गलत तरीके से नीलामी में शामिल किया। जब नवनीत ने जमीन के दस्तावेजों की जांच कराई, तब इस धोखाधड़ी की परतें खुलीं। यह स्पष्ट हो गया कि बैंक ने जानबूझकर या लापरवाही से गलत जानकारी दी, जिससे उनकी आर्थिक हानि हुई।

पुलिस ने दर्ज की FIR

इस मामले में डीडी नगर थाने में IDFC फर्स्ट बैंक के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। शिकायत में बैंक के 6 अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, जिनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धोखाधड़ी से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही बैंक अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।

इसके साथ ही, नीलामी से जुड़े सभी दस्तावेजों की गहन पड़ताल की जा रही है ताकि इस घोटाले की पूरी सच्चाई सामने आ सके। पुलिस का कहना है कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी का मामला हो सकता है, और इसमें शामिल सभी पक्षों की भूमिका की जांच होगी।

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