MP NEWS: भोपाल- रायपुर समेत सभी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में रिसर्च इनोवेशन सेल अनिवार्य, NCISM का बड़ा निर्णय
Research Innovation Cell Mandatory in Ayurveda Institutions : मध्य प्रदेश। भोपाल, जोधपुर, पटना, रायपुर, बरेली और नई दिल्ली समेत देशभर के आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में संस्थागत रिसर्च इनोवेशन एण्ड इन्ट्रेप्रिन्यूर्शिप डेवलपमेंट सेल यानी अनुसंधान नवाचार और उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ अनिवार्य कर दिया है। यह फैसला भारतीय चिकत्सा पद्दति राष्ट्रीय आयोग नई दिल्ली- नेशनल कमीशन फॉर इण्डियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (NCISM) ने लिया है। इससे स्टूडेंट्स को थ्योरी के साथ एक्सपेरिमेंटल रिसर्च के प्रति भी रुचि लेंगे।
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया कि बीएएमएस डिग्री के दौरान संस्था के अंतर्गत रोग निदान, रसशास्त्र और भैषज्य, द्रव्यगुण, कायचिकित्सा, स्त्री-प्रसूति , कौमारभृत्य, शल्य व शालाक्य के अंतर्गत रिसर्च की बेहद आवश्यकता है। मुख्य उद्देश्य है कि छात्र प्रयोग शालाओं को विस्तृत रूप में जानकर पैथॉलाजी , जैवरसायन व रक्त संबंधित जांच और शोध की आवश्यकता को समझकर शोधकार्यों को शुरु से ही अंजाम दे सकें।
छात्रों के लिये NCISM ने इंटर्नल क्वालिटी एसुरेंस सेल व स्टुडेंट सपोर्ट कैरियर गाइडेंस प्लेसमेंट सेल भी जरूरी कर दिया है। इससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होगा। प्रदेश समेत देशभर में आयुर्वेद के मान्यता प्राप्त 532 कॉलेज हैं। रिसर्च अथवा अनुसंधान विंग होने से छात्र जहां रिसर्च के प्रति गंभीर होंगे वहीं भविष्य में प्रमाणिक लाभ मरीजों को दे सकेंगे।
वर्जन
अब देशभर के साढ़े पांच सौ कॉलेजों के आयुर्वेद छात्र डिग्री कर प्रमाणिकता और शोध परिणामों के साथ न सिर्फ मरीजों का उचित इलाज कर सकेंगे बल्कि प्रमाणिक औषधियां भी निर्मित कर सकेंगे। NCISM को पेन मैनेजमेंट की तरफ ध्यान देकर गंभीरता के साथ रिसर्च के लिये ज्यादा बजट देने के लिए केंद्र और राज्यों को प्रेरित करना चाहिये।
डॉ राकेश पाण्डेय
राष्ट्रीय प्रवक्ता- आयुष मेडिकल एसोसिएशन
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