रुढ़िवादी परंपराओं को तोड़ते हुए विधि विधान से दी मुखाग्निी
सतना। जिले के रामपुर बाघेलान के ग्राम पंचायत नेमुआ में एक बेटी ने रुढ़िवादी परंपराओं को तोड़ते हुए पूरे विधि विधान के साथ अपने पिता की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार किया। ग्रामीण भी उस बेटी तारीफ करते हुए कह रहे हैं कि अगर हर क्षेत्र में बेटियां नाम रोशन कर रही हैं तो उन्हें इस काम से भी नहीं रोका जाना चाहिए। पिता की मौत के बाद बेटी ने जब पिता की चिता को आग लगाई तो हर किसी की आंखे नम हो गईं।
कुआं में पैर फिसलने से मौत
ग्राम पंचायत नेमुआ निवासी रामसुदर्शन सिंह की पानी भरते समय कुआं में पैर फिसल जाने के कारण उनकी मौत हो गई थी। जब अंतिम संस्कार करने के लिए तैयारी हुई तो उनका कोई बेटा ही नही था। लिहाजा अंतिम संस्कार करने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ तो, उनकी बेटी सिया दुलारी सिंह ने ढाढस बांध कर अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुई, और अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।
इकलौती संतान थी सिया
बताया जाता है कि रामसुदर्शन सिंह की शिया इकलौती संतान थी, न तो कोई पुत्र था न ही कोई अन्य पुत्री। इसी लिए 'बेटी है तो कल है', 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ', 'बेटी का जन्म संसार में सबसे बड़ा सुख है' लोगो के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।