सनातन अनादि अनंत

विदेशी अखबारों के झरोखे से

Update: 2023-09-17 21:02 GMT

डॉ. सुब्रतो गुहा

भारत के अयोध्या शहर में निर्माणाधीन भव्य रामजन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य जनवरी 2024 तक पूरा होगा तथा यह बाईस जनवरी 2024 को यह मंदिर दर्शनार्थी भक्तों के लिए खुल जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तियों एवं संतों को भव्य उद्घाटन समारोह हेतु आमंत्रित किया गया है। एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने मीडिया को बताया कि सत्तर एकड़ परिसर में दो दशमलव सड़सठ एकड़ भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है जिसके लिए तीन हजार करोड़ की राशि रामभक्तों से एकत्रित की गई है- सरकार से कोई सहायता नहीं ली गई। चार करोड़ रामभक्त इस हेतु दानदाता बने। इस भव्य मंदिर में प्रतिदिन एक लाख भक्तों के लिए दर्शन की व्यवस्था रहेगी।

- गल्फ न्यूज दुबई

(टिप्पणी- समूचे विश्व में यह विमर्श चल रहा है कि इक्कीसवीं शताब्दी भारत की शताब्दी है, सनातन धर्म की शताब्दी है। तभी तो आज 1947 तक भारतीयों पर शासन करने वाले अंग्रेजों पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में एक सनातनधर्मी हिन्दू ऋषि सुनक शासन कर रहे है। भारत, ब्रिटेन, मारीशस, सूरीनाम सहित विश्व के सात देशों का शासन भारतवंशी सनातन धर्मियों के हाथ में है। विश्व की पांचवी बड़ी अथव्यवस्था वाला देश भारत है। भारत को भिखारियों एवं सपेरों का गरीब देश निरुपित करने वाला छद्म विमर्श ध्वस्त हुआ है तथा विश्व में सनातन हिंदू धर्म तथा सनातनधर्मियों का मान सम्मान भी बढ़ा है। सनातन विरोधी जिहादी वामपंथी एवं स्वघोषित उदारवादी समूहों का इससे आक्रोशित होना, स्वाभाविक था- दिलों को जलना था- जल भी रहे हैं। तभी तो उदयनिधि स्टालिन, प्रियांक खड़गे, चंद्रशेखर, कार्ति चिदम्बरम इत्यादि सनातन धर्म के उन्मूलन अर्थात समूल नाश की घोषणा कर रहे हैं। अब तन, मन और आत्मा से निष्ठावान सनातनधर्मी नर-नारियों को समझना होगा कि सनातन धर्म का उन्मूलन या समूल विनाश तभी संभव जब इस धर्म के सभी अनुयायियों का उन्मूलन या नरसंहार हो जाए। मतदाताओं से वोट मांगेगे, तब इनका अघोषित नारा होगा- 'तुम मुझे वोट दो-मैं तुम्हें मौत दूंगा।Ó

प्रहार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर

भारत में छब्बीस विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडियाÓ ने एक एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा घोषित किया है कि भारत के विभिन्न टेलीविजन चैनलों के चौदह टेलीविजन एंकर या प्रस्तुतकर्ताओं का बहिष्कार करते हुए उनके टेलीविजन कार्यक्रमों में इन छब्बीस दलों के कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह चौदह टेलीविजन एंकर य प्रस्तुतिकर्ता भारत की वर्तमान हिंदूवादी सरकार की विचारधारा के समर्थक हैं तथा समाज में नफरत फैलाते हैं, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के विरुद्ध। इंडिया गठबंधन के नेता पवन खेरा ने कहा- भारत के सेकुलर समाज को नुकसान पहुंचाने वाले इन नफरती टेलीविजन कार्यक्रमों में हम कदापि सहभागी नहीं बनेंगे। उधर कई भारतीय सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बयान दिया है कि सन २०१४ में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में प्रेस स्वतंत्रता खतरे में पड़ गई है।

-अल जजीरा, दोहा, कतर

(टिप्पणी- समस्त संसार में यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि स्वस्थ लोकतंत्र में चार स्तंभ हैं- कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका और स्वतंत्र मीडिया। कैसी विड़म्बना है कि विगत नौ वर्षों से खतरे में पड़े लोकतंत्र एवं प्रेस स्वतंत्रता का बचाव करने का दावा करने वाले नेता ही मीडियाकर्मियों अर्थात लोकतंत्र की बुनियाद कमजोर कर रहे हैं। वैसे इनकी बहिष्कार सूची के चौदह पत्रकारों अमन चोपड़ा, अदिति त्यागी, अरनब गोस्वामी, अमिश देवगन, आनंद नरसिम्हन, सुशांत सिन्हा, सुधीर चौधरी, रुबिका जियाकत, शिव अरुर, प्राची पाराशर, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सांवत और नाविका कुमार की लोकप्रियता बढ़ जाएगी कि उन्होंने कुछ राजनेताओं के इस निर्देश का पालन नहीं किया 'जो तुमको हो पसंद वहीं बात कहेंगे- तुम दिन को अगर रात कहो- रात कहेंगें।)

उत्थान-पतन का सिलसिला

सन 2019-2020 के कोरोना महामारी के कालखंड से ही चीन में अपनी औद्योगिक उत्पादन इकाईयां स्थापित कर चुकी विश्व की अनेक प्रमुख कंपनियों ने चीन से अपना व्यापार समेटकर भारत के स्टार्ट अप से जुड़ गए हैं। इनमें अनेक अमेरिकी कंपनियां भी शामिल हैं। अमेरिका की अगुवाई में तीस देशों के नाटो समूह तथा चीन के बीच बढ़ता तनाव एवं करोना के बाद संकटग्रस्त चीनी अर्थव्यवस्था इसका प्रमुख कारण है। भारत सरकार ने भी अमेरिका, यूरोप एवं अन्य महाद्वीपों व्यवसायिक संगठनों को आकर्षित करने हेतु अनेक कदम उठाए हैं जिनका सकारात्मक परिणाम मिल रहा है।

- वाल स्ट्रीट जर्नल, न्यूयार्क, अमेरिका

(टिप्पणी- विश्व में कोरोना प्रसार के खलनायक चीन की अथव्यवस्था के जहाज से कूदकर भारत के जहाज पर सवार होने वाले हजारों विदेशी कंपनियों ने तार्किक निर्णय लिया है। तभी तो अगले पांच वर्षों में ही भारत तीसरी आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा- जब कंगाल हो चुके पाकिस्तान का सबसे बड़ा सहारा चीन स्वयं कंगाल हो जाएगा तब पाकिस्तान का क्या होगा- अंजाम खुदा जाने।)

(लेखक अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक हैं)

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