MP News: CM डॉ. मोहन यादव महू में अम्बेडकर जयंती समारोह में करेंगे शिरकत, समानता और सशक्तिकरण की विरासत का सम्मान

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 14 अप्रैल को महू में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती समारोह में शामिल होंगे। वे प्रतिमा पर नमन, पुस्तक विमोचन और भीम रत्न पुरस्कार प्रदान करेंगे।;

Update: 2025-04-13 16:38 GMT
CM डॉ. मोहन यादव महू में अम्बेडकर जयंती समारोह में करेंगे शिरकत, समानता और सशक्तिकरण की विरासत का सम्मान
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MP News : मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 14 अप्रैल को इंदौर के डॉ. अम्बेडकर नगर महू में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जन्मस्थली स्मारक पर आयोजित जयंती समारोह में हिस्सा लेंगे। यह वार्षिक आयोजन पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु और अनुयायी शामिल होते हैं। डॉ. यादव सुबह 11 बजे डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर नमन करेंगे, इसके बाद उनकी अस्थि कलश पर पुष्प वर्षा के साथ बौद्ध वंदना में हिस्सा लेंगे। वे भन्ते धर्मशील जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे, एक पुस्तक का विमोचन करेंगे और भीम रत्न पुरस्कार प्रदान करेंगे। यह आयोजन सामाजिक न्याय और समानता के प्रति अम्बेडकर के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है, जो मध्यप्रदेश की समावेशी नीतियों के माध्यम से वंचित वर्गों के उत्थान में परिलक्षित होता है।

डॉ. अम्बेडकर की अमर विरासत और MP की प्रतिबद्धता :

14 अप्रैल, 1891 को महू में जन्मे डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक महान विधिवेत्ता, समाज सुधारक और भारतीय संविधान के शिल्पकार थे। उन्होंने मजदूरों, किसानों, महिलाओं और पिछड़े वर्गों के लिए समानता, न्याय और सशक्तिकरण की वकालत की, जो आज भी प्रेरणा देता है। डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश उनकी इस संकल्पना को साकार करने के लिए कल्याणकारी योजनाओं के जरिए काम कर रहा है। संविधान दिवस के अवसर पर डॉ. यादव ने लंदन में उस स्थान का दौरा किया, जहां 1920 के दशक में अम्बेडकर रहे थे। वहां उन्होंने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया, जो सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के सिद्धांतों को दर्शाता है। यह मध्यप्रदेश की समावेशी विकास और सभी के लिए अवसर सुनिश्चित करने की नीतियों में झलकता है।

महू को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की योजना

डॉ. यादव ने महू में स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय को ‘उत्कृष्टता केंद्र’ के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। अम्बेडकर शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन और सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम मानते थे, विशेष रूप से शोषित वर्गों के लिए। यह पहल उत्कृष्ट विद्वानों और जिम्मेदार नागरिकों को तैयार करने का लक्ष्य रखती है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश सरकार ने अम्बेडकर की स्मृति में पंच तीर्थ यात्रा योजना शुरू की है, जिसमें उनकी जन्मस्थली महू, दीक्षा भूमि नागपुर, महा-परिनिर्वाण स्थली दिल्ली, चैत्य भूमि मुंबई और लंदन में उनका निवास स्थल शामिल हैं। यह योजना लाखों अनुयायियों के लिए तीर्थाटन को और सुलभ बनाएगी।

डॉ. अम्बेडकर के नाम पर पर्यावरण और विकास के कदम

मध्यप्रदेश सरकार ने सागर जिले में 250 वर्ग किलोमीटर के वन क्षेत्र को डॉ. भीमराव अम्बेडकर अभयारण्य के रूप में घोषित किया है। यह कदम अम्बेडकर के पर्यावरण संरक्षण के प्रति दृष्टिकोण को सम्मान देता है। यह अभयारण्य वन्यजीव संरक्षण, पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देगा। इसके साथ ही, भोपाल में 2.73 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर का नामकरण भी डॉ. अम्बेडकर के नाम पर किया गया है, जो सामाजिक समरसता और विकास का प्रतीक है। यह सेतु न केवल स्थानों को जोड़ता है, बल्कि एकता और विश्वास का संदेश भी देता है।

किसानों और समाज के लिए नई योजनाएं

राज्य सरकार ने ‘डॉ. अम्बेडकर पशुपालन विकास योजना’ शुरू की है, जो किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखती है। अम्बेडकर ने पशुपालन को आर्थिक स्वतंत्रता का महत्वपूर्ण आधार माना था, विशेष रूप से दलित और पिछड़े समुदायों के लिए। यह योजना सामाजिक और आर्थिक समानता की उनकी सोच को साकार करती है। डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश समावेशी विकास और समान अवसरों के साथ एक प्रगतिशील राज्य के रूप में उभर रहा है, जो अम्बेडकर के सिद्धांतों के अनुरूप ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना को जीवंत करता है।  

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