भोपाल: वोट के चलते प्रभावित होते हैं सरकार के फैसले - केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में दिया बड़ा बयान
वोट के चलते प्रभावित होते हैं सरकार के फैसले - केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान
भोपाल, मध्य प्रदेश। आज, 27 फरवरी को भोपाल के ओरिएंटल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटस में 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' पर केंद्रित गोष्ठी हुई। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान छात्र-छात्राओं को 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' की आवश्यकता से अवगत कराया। उन्होंने यहां बड़ा बयान देते हुए कहा कि, वोट के चलते सरकार के फैसले प्रभावित होते हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कहने पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा - "मैं अतिथि नहीं हूँ, मैं हूं मामा। मेरे प्यारे बेटा-बेटियों, आप अमृत के पुत्र हो, ईश्वर के अंश हो, अनंत शक्तियों के भंडार हो, अमर आनंद के भागी हो। आप जो चाहो वो कर सकते हो। याद रखियेगा मनुष्य जैसा सोचता है वैसा बन जाता है। लक्ष्य तय करके रोड मैप बनाकर, दिन - रात मेहनत करके आप जो चाहो वो कर सकते हो।"
राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में लगे रहते हैं : शिवराज सिंह चौहान
सभी राजनीतिक दल पांच साल, बारह महीने, हर सप्ताह, 24 घंटे सिर्फ एक ही चीज की तैयारी करते हैं और वो है अगला चुनाव। उसी की तैयारी में लगे रहते हैं। पिछले साल नवम्बर - दिसम्बर में विधानसभा चुनाव हुए उसके बाद चार महीने ही हुए थे लोकसभा के चुनाव हो गए। लोकसभा के बाद महाराष्ट्र, जम्मू - कश्मीर और हरियाणा में चुनाव हुए। इसके बाद दिल्ली चुनाव आ गए। अब दिल्ली चुनाव के बाद बिहार का नंबर।
"सोचने वाली बात है कि, चुनाव से विकास कितना बाधित होता है। मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद सभी अब बिहार में लगे हैं। गवर्नेंस पर कोई ध्यान नहीं है। कितना अच्छा होता अगर एक ही बार में चुनाव हो जाते।"
"बार-बार चुनाव से विकास के काम प्रभावित होते हैं और राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में व्यस्त रहते हैं। सामने से कितना पैसा खर्च होता है, पीछे से कितना खर्चा होता होगा। चुनाव आयोग द्वारा कितने ही लोगों को पकड़ा जाता है। कई पैसों के साथ और भी लोगों को पकड़ा जाता है।"
वोट दिलाऊ फैसला करना पड़ता है : शिवराज सिंह चौहान
"चुनाव से कई फैसले प्रभावित होते हैं। वोट के डर से कई बार वोट दिलाऊ फैसला करना पड़ता है। चुनाव के समय यह भी दे दीजिये वो भी दे दीजिये, ऐसे फैसले भी करने पड़ते हैं। चुनाव हो रहे हैं झारखंड में और मध्य प्रदेश के नेता वहां जा रहे हैं। बड़े अधिकारी भी वहां व्यस्त हो जाते हैं।"
"1967 तक देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हुआ करते थे। लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार ने राज्यों में दूसरे दलों की सरकार बनने पर अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग कर विधानसभाएं भंग कीं, तब से एक साथ चुनाव बंद हो गए। संविधान संशोधन कर अगर एक साथ चुनाव हो जाएं तो सरकारें अपना काम अच्छे से कर पाएंगी। एक राष्ट्र-एक चुनाव' एक जन आंदोलन बनना चाहिए...मेरे बेटा-बेटियों, आप भी आगे आइए, एक राष्ट्र-एक चुनाव के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद कीजिए।"