MP सहकारिता में अग्रणी: अमित शाह ने की शत-प्रतिशत पैक्स कम्प्यूटरीकरण की सराहना

Minister Amit Shah
भोपाल, मध्यप्रदेश। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में मध्यप्रदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटरीकरण में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 5.5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत है। शाह ने सहकारिता और डेयरी गतिविधियों को 50 प्रतिशत गांवों तक विस्तारित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए नीति निर्माण, नियोजन और केन्द्र सरकार की ओर से वित्तीय सहायता सुनिश्चित की जाएगी। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ मिलकर दुग्ध उत्पादन और प्रोसेसिंग के जरिए किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया गया।
सहकारिता क्षेत्र में नए आयाम स्थापित
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में पिछले साढ़े तीन वर्षों में उल्लेखनीय बदलाव हुए हैं। पैक्स के सशक्तिकरण, डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहन और ग्रामीण बैंकों के सुचारू संचालन पर विशेष ध्यान दिया गया है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय ने मॉडल बायलॉज विकसित कर सभी राज्यों में लागू किया, जिससे सहकारिता आंदोलन को नया जीवन मिला। पैक्स अब केवल कृषि ऋण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, रेलवे टिकट बुकिंग जैसी 30 से अधिक गतिविधियों में शामिल हैं। यह बदलाव पैक्स की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ है। श्री शाह ने मध्यप्रदेश में सुशासन को सहकारिता के लिए स्वर्णिम अवसर बताया।
किसानों के लिए नई पहल और सहकारी संस्थाओं का सशक्तिकरण
केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के गठन ने सहकारिता आंदोलन को पुनर्जनन प्रदान किया है। शाह ने बताया कि देश में सहकारिता आंदोलन पहले कमजोर पड़ रहा था, क्योंकि समय के साथ कानूनों में बदलाव नहीं हुए। अब त्रि-स्तरीय सहकारी व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। 2500 करोड़ रुपये की लागत से सभी पैक्स का कम्प्यूटरीकरण किया गया, जिससे वे जिला सहकारी बैंकों, नाबार्ड और ऑनलाइन ऑडिट से जुड़ गए हैं। स्थानीय भाषा में सॉफ्टवेयर विकसित कर किसानों की सुविधा बढ़ाई गई है। मध्यप्रदेश में हुए एनडीडीबी और डेयरी फेडरेशन के बीच अनुबंध से दुग्ध उत्पादन और प्रोसेसिंग को नई गति मिलेगी।
राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी समितियों का विस्तार
अमित शाह ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर तीन नई सहकारी समितियों—एक्सपोर्ट को-ऑपरेटिव, ऑर्गेनिक को-ऑपरेटिव और बीज सहकारिता—का गठन किया गया है। ये समितियां किसानों के उत्पादों को वैश्विक बाजार में स्थान दिलाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेंगी। ऑर्गेनिक उत्पादों को प्रोत्साहन और बीज उत्पादन में छोटे किसानों को शामिल करने की योजना बनाई गई है। सहकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना से प्रशिक्षण और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा। शाह ने जोर देकर कहा कि दूध के विभिन्न उत्पादों—दही, पनीर, चीज—के निर्माण से किसानों को अधिक मुनाफा सुनिश्चित होगा।
मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्रियों की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अमित शाह के कुशल नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में सहकारिता क्षेत्र में नई संभावनाएं खुल रही हैं। राज्य सरकार ने दूध उत्पादन को 9 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। गौ-पालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन के लिए अनुदान और योजनाएं शुरू की गई हैं। सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश ने सहकारिता में निजी और शासकीय भागीदारी (सीपीपीपी) का नया मॉडल प्रस्तुत किया है। एनडीडीबी के निदेशक डॉ. निमेश शाह ने अनुबंध के जरिए किसानों के प्रशिक्षण और दुग्ध उत्पादों की मार्केटिंग पर जोर दिया।