बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व: MP में हाथियों की मौत पर NGT सख्त, 12 दिसंबर से पहले मांगा नोटिस का जवाब
Bandhavgarh Tiger Reserve Elephants Death : उमरिया। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में हुई 10 हाथियों की मौत का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है। इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( NGT) ने सख्ती दिखाते हुए उमरिया के कलेक्टर और टाइगर रिज़र्व के प्रधान मुख्य वन संरक्षक समेत पांच अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं।
12 दिसंबर से पहले मांगा जवाब
एनजीटी ने कोदों की फसल में पाए जाने वाले माइसोटॉक्सिन पदार्थ पर चिंता जताते हुए इसे जानवरों के लिए हानिकारक माना है और टाइगर रिजर्व प्रबंधन को नोटिस जारी कर 12 दिसंबर से पहले जवाब मांगा है। इनमें प्रधान मुख्य वन संरक्षक, उमरिया कलेक्टर , भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के निदेशक, भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक और केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव शामिल हैं।
कोदो खाने से हुई थी हाथियों की मौत
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाल ही में 10 हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। शुरुआती जांच में मौतों का कारण दूषित कोदो बाजरा में मौजूद मायकोटॉक्सिन को बताया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, संभावना है कि कोदो में फंगल संक्रमण था, जिसको खाने से हाथियों की मौत हो गई।
एनजीटी ने इस घटना को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का संभावित उल्लंघन बताया है। इस मामले को भोपाल की केंद्रीय क्षेत्रीय पीठ को स्थानांतरित कर दिया गया है। ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी अधिकारी ने बिना वकील की सलाह के जवाब दाखिल किया, तो उन्हें वर्चुअली उपस्थित रहना होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोदो में फंगल संक्रमण, विशेष रूप से मानसून के दौरान, मायकोटॉक्सिन पैदा करता है। यह विषाक्तता जानवरों और मनुष्यों के लिए खतरनाक हो सकती है। इससे लीवर और किडनी से संबंधित समस्याएं, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार और यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकती है।