MP School Fees: निजी स्कूलों की फीस पर नया नियम, बस शुल्क अलग से वसूलने पर रोक
MP NEWS: राज्य सरकार प्रदेश के निजी स्कूलों को बड़ी खुशखबरी देने जा रही है। जिन स्कूलों की किसी भी कक्षा की सालाना फीस 25 हजार रुपए से कम है, वे फीस नियंत्रण अधिनियम के दायरे में नहीं आएंगे। अगर ऐसे स्कूल 15 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ाते हैं तो पहले जिला समिति से अनुमति लेनी होगी। ऐसा नहीं करने पर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
वार्षिक शुल्क में वाहन शुल्क भी शामिल होगा
कोई भी स्कूल अब परिवहन यानी बस शुल्क अलग से नहीं ले सकेगा। इसे भी वार्षिक शुल्क का हिस्सा माना जाएगा। सरकार ने मंगलवार को मध्य प्रदेश निजी स्कूल अधिनियम-2024 में संशोधन के लिए पेश विधेयक में यह प्रावधान किया है। सदन से विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल मंगूभाई पटेल की अनुमति मिलने के बाद प्रावधान लागू हो जाएंगे।
प्रदेश के आधे स्कूलों में सालाना फीस 25 हजार से कम
प्रदेश में 34,652 निजी स्कूल हैं। इनमें से करीब 16 हजार ऐसे हैं, जिनकी किसी भी कक्षा में सालाना फीस 25 हजार रुपए या उससे कम है। मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम-2017 के तहत वर्ष 2020 में नियम बनाए गए हैं। इसके प्रावधान के अनुसार निजी विद्यालयों की फीस व अन्य विषयों पर निर्णय लेकर फीस को विनियमित करने का अधिकार शासन को दिया गया है।
बिना अनुमति के 10 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई जा सकेगी
बिना अनुमति के 10 प्रतिशत की सालाना फीस बढ़ाई जा सकेगी, लेकिन इससे अधिक बढ़ोतरी के लिए जिला समिति से अनुमति लेना जरूरी है। 25 हजार रुपए तक फीस लेने वाले विद्यालयों को शिक्षकों के वेतन समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन में दिक्कतें आती हैं।
25 हजार रुपए सालाना फीस वाले विद्यालयों को छूट
दस प्रतिशत की बढ़ोतरी होने पर अभिभावकों पर ज्यादा बोझ न पड़े, इसलिए नई उपधारा प्रस्तावित की गई है कि 25 हजार रुपए सालाना फीस लेने वाले विद्यालय अधिनियम के दायरे से बाहर रहेंगे। इसके साथ ही यह भी प्रावधान किया जा रहा है कि परिवहन शुल्क स्कूलों की वार्षिक फीस का हिस्सा होगा। वर्तमान में स्कूल इसे वार्षिक फीस से अलग से लेते हैं और इसमें बढ़ोतरी भी अधिक होती है। इससे वार्षिक फीस पर नियंत्रण होगा।
फीस वृद्धि की शिकायतों की सुनवाई के लिए समिति बनेगी। मंत्री की अध्यक्षता में समिति फीस वृद्धि पर आपत्तियों के विरुद्ध अपील सुनेगी। अधिनियम में यह भी संशोधन प्रस्तावित किया गया है कि वार्षिक फीस में 15 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के आदेश के विरुद्ध अपील सुनने के लिए राज्य स्तरीय समिति होगी। इसके अध्यक्ष स्कूल शिक्षा मंत्री होंगे।