MP Transfer Policy: MP की रिवाइज्ड ट्रांसफर पॉलिसी जारी, मंत्रियों के पास तबादले की ताकत, जल्द हो सकते हैं कई अधिकारी इधर से उधर

Update: 2025-01-29 09:34 GMT

MP Transfer Policy

MP Transfer Policy : मध्यप्रदेश। बुधवार को सरकार द्वारा मध्यप्रदेश की रिवाइज्ड ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी गई है। इस पॉलिसी में कई संशोधन किए गए हैं। सरकार द्वारा जारी आदेश में तबादलों को लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की गई है। नई ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार, मंत्री भी अपने विभाग के अधिकारियों का तबादला कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तबादला नीति के संबंध में महेश्वर कैबिनेट बैठक में घोषणा की थी। लम्बे समय से सरकारी अधिकारियों को इस नीति का इंतजार था। ट्रांसफर नीति सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि, प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के अधिकारियों का तबादला विभागीय मंत्री कर सकेंगे।

जानिए तबादला नीति के प्रमुख बिंदु :

मध्यप्रदेश में 24 जून, 2021 को राज्य और जिला स्तर पर स्थानांतरण हेतु नीति जारी की गई थी। वर्तमान में स्थानांतरण पर प्रतिबंध है किन्तु कार्य सुविधा के दृष्टिगत उपरोक्त नीति में निम्नानुसार संशोधन किया जा रहा है।

प्रतिबंध अवधि के दौरान स्थानांतरण :

प्रतिबंध अवधि में तथा स्थानांतरण नीति से हटकर सामान्यतः केवल अपवादिक परिस्थितियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के शासकीय सेवकों के स्थानांतरण आदेश विभागीय मंत्री से प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत जारी किए जा सकेंगे।

बीमारी के आधार पर :

गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, लकवा, हृदयाघात या पक्षाघात इत्यादि से उत्पन्न तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर तबादला किया जा सकेगा।

अदालत के आदेश के आधार पर :

ऐसे न्यायालयीन निर्णय जिसका पालन करना अनिवार्य हो। किंतु ऐसी परिस्थिति में स्थानांतरित किये जा रहे स्थान पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही लम्बित न हो।

अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत :

शासकीय सेवक की अत्यंत गंभीर शिकायत, गंभीर अनियमितता, गभीर लापरवाही जिसमे विभाग ‌द्वारा मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के उल्लंघन के क्रम में मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1966 के नियम 14 अथवा 16 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है।

जांच प्रभावित न होने की दृष्टि से किए जाने वाले स्थानांतरण :

निलंबन, त्यागपत्र, सेवानिवृत्ति (सामान्य/अनिवार्य/स्वैच्छिक), पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति से वापसी अथवा शासकीय सेवक के निधन के फलस्वरूप रिक्त हुए पद जिसके संबंध में विभाग का यह मत हो कि लोकहित में उक्त पद की पूर्ति स्थानांतरण पर प्रतिबंध अवधि में की जाना अत्यंत आवश्यक है। किन्तु ऐसी रिक्तियों जो अधिकारी, कर्मचारी के स्थानांतरण से उत्पन्न हो सम्मिलित नहीं की जाएंगी।

उदाहरण के लिए यदि "A" स्थान से किसी अधिकारी कर्मचारी को स्थानांतरित कर किसी अन्य अधिकारी कर्मचारी को इस आधार पर कि अब "A" स्थान पर रिक्त हो गई है। स्थानातरित नहीं किया जाएगा।

किन्तु यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशासनिक कारण से यदि स्थानातरण एक स्थान से दूसरे स्थान पर किया जा रहा है तब जिस स्थान से स्थानांतरण कर दूसरे स्थान पर पदस्थापना की जा रही है उस स्थान पर स्थानातरण के कारण रिक्तियों का प्रतिशत स्थानांतरित किये गये स्थान से अधिक तो नहीं हो रहा है।

परियोजना कार्य के आधार पर :

परियोजना का कार्य पूर्ण होने पर अथवा पद अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने के कारण स्थानातरित किया जा सकेगा। उपरोक्त प्रकरर्णा के अतिरिक्त माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त उच्च प्राथमिकता के प्रकरणों में भारसाधक सचिव प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त कर आदेश जारी कर सकेंगे। किन्तु ऐसे स्थानातरण प्रकरण जिनको करने में विभाग नीति के अनुरूप नहीं पाता है ऐसे प्रकरण विभागीय सचिव, विभागीय मंत्री के अनुमोदन उपरांत, कारण सहित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय को पुनः प्रस्तुत कर अग्रिम आदेश प्राप्त करेंगे।

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