मोहाली। पंजाब में हुए निकाय चुनावों में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अकाली दल और भाजपा को मिली हार से बड़ा झटका लगा है। किसान आंदोलन के मुद्दों पर अलग होने के बाद दोनों दल पहली बार अकेले मैदान में उतरे थे। जिसके कारण निकाय चुनावों में कांग्रेस को एकतरफा जीत हासिल हुई है। कांग्रेस ने आज मोहाली निगम पर भी कब्ज़ा कर लिया है। यहां पुनर्मतदान के कारण बुधवार को मतगणना नहीं हो सकी थी।
मोहाली नगर निगम के 50 वार्डों में कुल 260 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिद्धू ने किया तो अकाली दल प्रत्याशियों की चुनावी रणनीति का जिम्मा पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने संभाला हुआ था। आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले पूर्व मेयर कुलवंत सिंह के साथ गठबंधन करके आजाद ग्रुप के बैनर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने यहां चुनाव से पहले ही स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिद्धू के भाई अमरजीत सिद्धू को मेयर प्रत्याशी के रूप में प्रोजैक्ट किया था। चुनाव जीतने के बाद अमरजीत सिंह का मेयर बनना लगभग तय माना जा रहा है। गुरुवार को घोषित हुए चुनाव परिणाम में शिरोमणि अकाली दल व भारतीय जनता पार्टी एक भी सीट पर अपना खाता नहीं खोल सके हैं।
भाजपा और अकाली दल का नहीं खुला खाता -
यहां के कुल 50 वार्डों में से सत्तारूढ़ कांग्रेस को 37 सीट पर जीत हासिल हुई है। मोहाली में लंबे समय तक परिषद प्रधान व मेयर रहे कुलवंत सिंह के नेतृत्व वाली आजाद ग्रुप को केवल 11 सीटों पर जीत हासिल हुई है। इसके अलावा 02 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। मोहाली नगर निगम में जहां आम आदमी पार्टी को पूर्व मेयर गुट के साथ गठबंधन का कोई लाभ नहीं हुआ है वहीं आजाद ग्रुप के मुखिया व पूर्व मेयर कुलवंत सिंह चुनाव हार गए हैं। वे वार्ड 42 से उम्मीदवार थे। वे 267 वोटों से हारे। वार्ड नंबर 38 से उनके बेटे ने कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की है।