हरियाणा में नहीं होगी 5वीं और 8वीं बोर्ड की परीक्षाएं, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

Update: 2022-02-21 11:47 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा में एक साल के लिए पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी। सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह घोषणा की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विद्यार्थियों को होने वाली समस्याओं को देखते हुए सरकार ने इस साल पांचवीं तथा आठवीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं करने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद प्रदेश के स्कूल संचालक तथा लाखों विद्यार्थियों ने राहत की सांस ली है। केंद्र सरकार ने हाल ही में राइट-टू-एजुकेशन एक्ट में संशोधन किया है। पुराने एक्ट में बच्चों को फेल नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब बदलाव के बाद पांचवीं और आठवीं कक्षा में विद्यार्थियों को फेल किया जा सकेगा।

मानव संसाधन मंत्रालय ने पेपर लेने के अधिकार राज्यों को दिए हैं। ऐसे में हरियाणा सरकार ने परीक्षाओं के आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड को नोडल एजेंसी के रूप में अधिकृत किया हुआ है। जिसके चलते अब भिवानी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के अलावा सीबीएसई और आईसीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों के एग्जाम भी भिवानी बोर्ड ही लेने का ऐलान कर चुका है। जिन स्कूलों में 11 महीने तक सीबीएसई का पाठ्यक्रम पढ़ाया गया वहां भी बोर्ड ने परीक्षा लेने का ऐलान कर दिया था, जिसे लेकर प्रदेश में पिछले कई दिनों से टकराव बना हुआ था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 25 फरवरी को इस मुद्दे पर बैठक बुलाई थी।

सोमवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परीक्षाओं के आयोजन को एक साल के लिए रद्द करते हुए कहा कि इस साल पांचवीं और आठवीं की बोर्ड की परीक्षाओं को नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाई, इसलिए फिलहाल एक साल के लिए बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित की गई हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल संचालकों, अभिभावकों, शिक्षाविदों तथा विभागीय अधिकारियों के फीडबैक के बाद यह फैसला लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर 25 फरवरी को बैठक बुलाई थी, लेकिन अभी अगर बैठक बुलाए जाने की जरूरत होगी तो बैठक करेंगे अन्यथा इस फैसले के बारे में बोर्ड को भी निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।

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