पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में हो सकता है विलय, कैप्टन के साथियों को है कमल से लगाव

पीएलसी के छह उम्मीदवारों ने पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ने से किया इनकार

Update: 2022-01-29 11:15 GMT

चंडीगढ़।  पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह के छह साथियों एवं पीएलसी के उम्मीदवारों ने पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। इन उम्मीदवारों ने पीएलसी को मिले चुनाव चिह्न हॉकी स्टिक व बॉल को छोड़क़र कमल के चुनाव चिह्न पर प्रचार करने की इच्छा जताई है। 

एक उम्मीदवार ने तो आज कमल के फूल पर प्रचार भी शुरू कर दिया है। ताजा हालात को लेकर अमरिंदर सिंह भाजपा हाईकमान से बैठक कर रहे हैं। यही कारण है कि अमरिंदर सिंह ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची रोक ली है। ऐसे में अमरिंदर सिंह द्वारा अपनी पार्टी का भाजपा में विलय किए जाने की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। कांग्रेस छोड़ऩे के बाद अमरिंदर सिंह ने पंजाब लोक कांग्रेस का गठन तो किया लेकिन वह सक्रिय राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं। 

अमरिंदर के सबसे करीबी पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सोढी तथा फतेह जंग सिंह बाजवा ने पीएलसी में शामिल होने की बजाय भाजपा को ही तरजीह दी थी। भाजपा के साथ हुए समझौते के बाद अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस को 37 सीटें दी गई थीं। अमरिंदर सिंह 22 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुके हैं। इनमें छह प्रत्याशियों ने पंजाब लोक कांग्रेस के चुनाव चिह्न हॉकी स्टिक व बॉल के निशान पर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।

इनमें बठिंडा शहरी विधानसभा क्षेत्र से राजकुमार नंबरदार, लुधियाना ईस्ट से जगमोहन शर्मा, लुधियाना साउथ से सतिंदरपाल सिंह तथा आत्मनगर हलके से प्रेम मित्तल मुख्य रूप से शामिल हैं।राजकुमार नंबरदार ने कहा कि उनकी वफादारी अमरिंदर सिंह के साथ है लेकिन पार्टी का चुनाव चिह्न अभी नया है। लोगों में इसको पहचान बनाने में अभी समय लगेगा। शहरी मतदाता सहयोगी पार्टी भाजपा के चुनाव चिह्न कमल के फूल को आसानी से स्वीकार कर रहे हैं। नंबरदार ने कहा कि उन्होंने अमरिंदर सिंह की मंजूरी के बाद कमल के चुनाव चिह्न पर प्रचार शुरू कर दिया है। वह नामांकन में पीएलसी के चुनाव चिह्न की बजाय भाजपा के चुनाव चिह्न की मांग करेंगे। 

पंजाब लोक कांग्रेस के प्रवक्ता प्रिंस खुल्लर तथा महासचिव एवं कार्यालय प्रभारी कमलदीप सैनी ने कहा कि शहरी मतदाताओं द्वारा कमल के चुनाव चिह्न पर लड़ने की मांग की जा रही है। इसके चलते गठबंधन की सहयोगी पार्टी के चुनाव चिह्न को अपनाया जा रहा है। इस संबंध में अंतिम फैसला कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा भाजपा हाईकमान के साथ बातचीत के बाद लिया जाएगा।

Tags:    

Similar News