अकाली नेता विक्रमजीत मजीठिया 23 फरवरी तक नहीं होंगे गिरफ्तार, खुलकर कर सकेंगे प्रचार
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
नईदिल्ली। अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को आज बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग्स केस में मजीठिया की गिरफ्तारी पर 23 फरवरी तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव के बाद मजीठिया को निचली अदालत के सामने सरेंडर करना होगा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को हिदायत दी कि चुनाव से पहले राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने से परहेज करे।
27 जनवरी को मजीठिया की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मजीठिया के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा था कि मजीठिया को थाने में बुलाया जाता है। ये सब कुछ केवल पंजाब में विधानसभा चुनाव की वजह से हो रहा है। रोहतगी ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए तीन दिनों तक गिरफ्तारी पर रोक का आदेश दिया था। पुलिस ये जानती है कि मजीठिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, उसके बावजूद पुलिस उन्हें बुला रही है।
इस पर कोर्ट ने पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम से पूछा था कि क्या ये सही है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें पुलिस बुला रही है। तब चिदंबरम ने कहा था कि मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका 24 जनवरी को खारिज हुई। उसके बाद वे छिपे हुए थे। अब वे अपने वकील के जरिये सामने आ रहे हैं। तब चीफ जस्टिस ने चिदंबरम से कहा था कि आप अपनी सरकार से कहिए कि वे मजीठिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करे। उल्लेखनीय है कि पंजाब में मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।