सरकारी सुविधाएं न मिलने पर 11 लोगों का परिवार बना ईसाई, नाकामी छिपाने में जुटा प्रशासन
धर्मान्तरित परिवार ने चीख- चीख कर कहा हमें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली इसलिए गुजरात के पठानकोट में धर्मांतरण कर लिया।
बहराइच। रुपईडीहा के नरैनापुर गांव में धर्मांतरण का खुलासा होने पर बुधवार को बहराइच जिला प्रशासन सकते में आ गया आनन-फानन में नानपारा के उप जिलाधिकारी और सीओ की अगुवाई में टीम गांव पहुंची। धर्मान्तरित परिवार ने चीख- चीख कर कहा हमें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली इसलिए गुजरात के पठानकोट में धर्मांतरण कर लिया। लेकिन धर्म बदलने के बाद भी स्थिति जस की तस है। ऐसे में हम पुनः हिंदू धर्म अपनाना चाहते हैं। लेकिन मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने सत्यता से किनारा कसते हुए धर्मांतरण को ही सिरे से खारिज कर दिया। हालांकि उप जिला अधिकारी नानपारा और एसपी के बयान में भिन्नता है। सच्चाई क्या है राम जाने। इतना जरूर है पीड़ित परिवार समस्याओं से जूझ रहा है।
भारत नेपाल सीमा से सटे रुपईडीहा थाना क्षेत्र के नरैनापुर गांव में बक्सा राम के परिवार के 11 सदस्यों के ईसाई धर्म स्वीकार करने का खुलासा मंगलवार को हुआ। स्वदेश ने खबर को प्रमुखता से प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित किया। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा। बुधवार सुबह उप जिलाधिकारी नानपारा राम आसरे वर्मा और पुलिस क्षेत्राधिकारी जंग बहादुर दल बल के साथ गांव जा पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने प्रभावित परिवारों से वार्ता की।
परिवार ने बताया कि गुजरात के पठानकोट में अवतार पास्टर नामक व्यक्ति ने उन्हें ईसाई धर्म स्वीकार करवाया है। उसी के अनुरूप महिलाएं और बच्चे रुपईडीहा के नेहरू चर्च में कभी कभार प्रार्थना सभा में ही में भी शामिल होने जाते हैं। प्रभावित परिवार ने यह भी कहा कि मूलभूत सुविधाओं के न मिलने के चलते सभी 11 सदस्यों ने ईसाई धर्म स्वीकार किया है। लेकिन वह सभी हिंदू धर्म में पुनः वापसी चाहते हैं। क्योंकि ईसाई धर्म स्वीकार करने के बावजूद उन्हें वह सुविधाएं नहीं मिली जिसकी वह चाहत रखते थे। हालांकि ग्रामीणों की इस बयान से किनारा करते हुए उप जिलाधिकारी नानपारा ने जिलाधिकारी को जो रिपोर्ट भेजी उसमें कहा कि चार पांच साल पूर्व परिवार गुजरात गया था एक व्यक्ति ने आदत बदलने की बात कही थी। दारू शराब पीने से मना किया गया। वह व्यक्ति इन लोगों को सही रास्ते पर लाने के लिए प्रेरित करता रहा, तथा इन लोगों में सुधार हो गया, परन्तु इन लोगों ने धर्म परिवर्तन नहीं किया है। इसके बाद यह लोग परिवार सहित वापस आ गये। रोजी रोटी कमाने के लिए पठान कोट, पंजाब, हिमाचल आदि जाते रहते थे। धर्मांतरण की बात गलत है।
उधर पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्थलीय जांच करने पर ज्ञात हुआ कि जग्गू पुत्र भीकू निवासी ग्राम नारायणपुर थाना रुपईडीहा जो मंगत्ता /महावत समुदाय से हैं सात आठ साल पहले गुजरात गए हुए थे जहां पर एक ईसाई व्यक्ति के संपर्क में आकर दारु शराब पीना छोड़ कर प्रार्थना करने लगे थे लेकिन पुनः वापस आकर उपरोक्त जग्गू इत्यादि सभी लोग हिंदू रीति रिवाज के अनुसारअपना जीवन यापन कर रहे हैं।
हियुवा कराएगी घर वापसी, मुख्यमंत्री से करेंगे बात
हिंदू युवा वाहिनी रुपईडीहा के नगर महामंत्री विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि बक्सा राम और जग्गू समेत सभी 11 सदस्यों ने उन्हें ईसाई धर्म की किताबें दिखाई। सभी गुजरात से लौटने के बाद से रुपईडीहा के नेहरू चर्च में प्रार्थना सभा में शामिल होने जाते हैं। इतना ही साबित करता है कि परिवार ईसाई धर्म स्वीकार कर चुका है। नगर महामंत्री ने कहा कि सभी 11 सदस्यों की घर वापसी कराई जाएगी। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना कर परिवार को शुद्ध किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री जी से भी बात की जाएगी।