सहकार से समृद्धि: इफको ने नैनो उर्वरक के क्षेत्र में किया 638 करोड़ रुपये का निवेश...

इफको ने अपनी आंवला (बरेली) और फूलपुर (प्रयागराज) विनिर्माण इकाइयों में प्रारम्भ किया वाणिज्यिक परिचालन। बरेली इकाई के निर्माण में 318 करोड़ का निवेश, जबकि प्रयागराज की इकाई 320 करोड़ रुपये के निवेश से बनी दोनों इकाइयां संयुक्त रूप से नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) की 4,00,000 बोतलों का करती हैं दैनिक उत्पादन।

Update: 2024-09-04 06:11 GMT

अतुल मोहन सिंह, लखनऊ। भारत के अग्रणी सहकारी समिति और रासायनिक उर्वरकों के सबसे बड़े निर्माताओं में शुमार इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कोऑपरेटिव (इफको) उत्तर प्रदेश में नैनो उर्वरक उत्पादन संयंत्रों में 638 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस निवेश से नई विनिर्माण इकाइयों के आसपास बेहतर बुनियादी सुविधाओं के निर्माण और 600 से अधिक युवाओं के लिए रोजगारों का सृजन होगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर लाभ प्राप्त होने का अनुमान है।

उत्तर प्रदेश सरकार की निवेश प्रोत्साहन एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के सहयोग एवं मार्गदर्शन से इफको अपनी उत्पादन क्षमता का लगातार विस्तार कर रहा है। साथ ही, 201 क्लस्टर गांवों में नवीन कृषि पद्धतियों को लागू कर रहा है। इस रणनीतिक पहल का उद्देश्य किसानों के मध्य नैनो उर्वरकों, विशेष रूप से नैनो यूरिया प्लस (तरल) के उपयोग को बढ़ावा देना है, जिससे वर्तमान खरीफ और आगामी रबी सीजन में उनकी फसल उत्पादकता और स्थिरता में वृद्धि की जा सके।

इफको पहले से ही आंवला (बरेली) और फूलपुर (प्रयागराज) में स्थित अपनी विनिर्माण इकाइयों में वाणिज्यिक परिचालन आरंभ कर दिया है। इफको की बरेली स्थित इकाई के निर्माण में 318 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, वहीं फूलपुर इकाई 320 करोड़ रुपये के निवेश से बनी है। दोनों इकाइयां संयुक्त रूप से नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) की 4,00,000 बोतलों का दैनिक उत्पादन करती हैं।

इफको के एमडी डॉ.यू.एस. अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों केंद्रित होने, उपजाऊ भूमि की उपलब्धता और फसलों की विविधता के फलस्वरूप निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं। इफको के गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को ग्राहक बेहद पसंद करते हैं, इनकी हमेशा मांग रहती है। हमारी निर्यात योजनाएं परीक्षण पर आधारित हैं और हमारे उत्पाद श्रीलंका, ब्राजील और अमेरिका जैसे 34 से अधिक देशों में निर्यात किये जा रहे हैं।

इफ़को के एमडी डॉ. यू. एस. अवस्थी

उन्होंने आगे कहा कि इन्वेस्ट यूपी औद्योगिक विकास के लिए एक सुदृढ़ और सहायक वातावरण निर्मित करने में सहायक रहा है। इसकी दूरदर्शी नीतियों और सक्रिय सुविधा ने निवेश आकर्षित करने और राज्य में एक संपन्न व्यापार ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत दिए गए प्रोत्साहनों ने राज्य में इफको की निवेश योजनाओं को बढ़ावा दिया है।

डॉअवस्थी ने बताया कि इफको द्वारा यूपी में नैनो उर्वरक उत्पादन सुविधाओं का विस्तार करने का निर्णय राज्य में विशाल कृषि आधार के साथ नवविकसित सुपर हाइवे, अंतर्देशीय जलमार्ग और बेहतर सड़कों के फलस्वरूप लिया गया है। इससे उत्पाद के गैर-रेल परिवहन में वृद्धि हुई है।

उल्लेखनीय है कि इफको किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक एवं आवश्यक सेवाएँ प्रदान करके कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उत्तर प्रदेश, गुजरात और ओडिशा जैसे राज्यों में प्रमुख सुविधाओं सहित इफको ने हाल ही में कृषि स्थिरता का समर्थन करने के लिए नैनो यूरिया प्लस (तरल) और नैनो डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट तरल) प्रस्तुत किया है। इसके अतिरिक्त, इफको ने संधारणीय कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु नैनो जिंक और नैनो कॉपर भी लॉन्च किया है।

नैनो यूरिया प्लस (तरल) जैसे नैनो उर्वरक की अवधारणा को समझाते हुए डॉ.अवस्थी ने कहा कि इनका उपयोग पौधों को पर्याप्त नाइट्रोजन (20% एन डब्लू/वी) प्रदान करने के लिए किया जाता है और यह किसानों के लिए एक स्थायी विकल्प है, जिससे उन्हें बेहतर फसल उपज प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

पारंपरिक यूरिया, जिसे दानों या गोली के रूप में बेचा जाता है, अत्यधिक उपयोग किए जाने पर पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनता है। नैनो यूरिया को पत्तियों पर स्प्रे के रूप में लगाया जाता है, जिससे पत्तियों में नाइट्रोजन का कुशल अवशोषण और प्रवेश होता है और पौधों के विशिष्ट भागों तक पहुँचता है। नैनो यूरिया पारंपरिक यूरिया की तुलना में बहुत अधिक पोषक तत्व उपयोग दक्षता का दावा करता है, जो काफी कम मात्रा में फसलों को समान पोषण लाभ प्रदान करता है, जिससे कुल खपत कम हो जाती है।

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