दो घंटे में ही सुभसपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के बदले सुर, पार्टी ने कही ये बात

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये हमारी कुछ शर्तों को मान ले तो गठबंधन किया जा सकता है।

Update: 2021-08-04 08:34 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में छ‍ोटी पार्टियों के मोर्चे का नेतृत्व करने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात की। मुलाकात के बाद किसी तरह के गठबंधन से उन्होंने इनकार करते हुए इसे शिष्टाचार भेंट बताया। लेकिन दो घंटे बाद ही ओमप्रकाश राजभर के सुर बदल गए।

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उन्होंने भाजपा को समर्थन और गठबंधन की बात कह दी। उन्होंने इसके लिए शर्त रख दी है। इससे पहले भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने कहा कि दोनों दल 2022 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। ओमप्रकाश राजभर ने पहले भाजपा के साथ गठबंधन की संभावना को "नगण्य" बताया था और दावा किया था कि उनकी पार्टी ही अगले साल चुनावों में भाजपा को "नेस्तनाबूद" करेगी।राजभर ने हालांकि बाद में सत्ताधारी दल के साथ गठबंधन की संभावना को खारिज नहीं किया। कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये हमारी कुछ शर्तों को मान ले तो गठबंधन किया जा सकता है।

छोटे दलों के साथ मिलकर हाल में भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाने वाले राजभर ने कहा कि भाजपा के नेता सुभासपा से गठबंधन के लिए परेशान हैं और भाजपा को सरकार बनाने के लिए सुभासपा से गठबंधन आवश्यक लग रहा है। राजभर ने कहा कि भाजपा हमारी पिछड़े वर्ग की जातिवार जनगणना, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने, महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण, एक समान अनिवार्य व निःशुल्क शिक्षा, घरेलू बिजली का बिल माफी व पिछड़े वर्ग का मुख्यमंत्री बनाने की शर्त मानने की घोषणा कर दे तो हम भाजपा से गठबंधन पर विचार करेंगे।

राजभर ने कहा कि भाजपा की केंद्र व राज्य में सरकार है, उनकी मांग को अमलीजामा पहनाने में भाजपा को कोई दिक्कत नही होना है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व जब तक उनकी मांग को पूरा करने के लिए आगे नही बढ़ता तब तक बात कैसे बनेगी? इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद राजभर ने पत्रकारों से कहा, ''स्वतंत्र देव सिंह पिछड़े समाज के नेता और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं। हमारी उनकी शिष्टाचार मुलाकात थी, हमारे उनके व्यक्तिगत संबंध हैं। कुछ काम था उस संबंध में हम गये थे और इसका राजनीतिक मतलब कोई नहीं हैं। लोग इसका अर्थ का अनर्थ लगा रहे हैं।


इससे पहले, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व राजभर की मुलाकात के बाद कहा कि दोनों नेताओं की मुलाकात में बातचीत "सकारात्मक"  रही है और दावा किया कि दोनों दल 2022 का चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। भाजपा से गठबंधन को लेकर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के दावे को लेकर जब पूछा गया तो राजभर ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल भाजपा से गठबंधन की संभावना "नगण्य" है। जब उनसे यह पूछा गया कि भाजपा से गठबंधन करने पर असदुद्दीन ओवैसी नाराज तो नही होंगे, उन्होंने कहा कि उनके फैसले से मुस्लिम समाज को भी लाभ मिलना है, ऐसे में ओवैसी के नाराज होने का सवाल ही उत्पन्न नहीं होता।

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