UP News: अब्बास अंसारी की जमीन पर PM आवास घरों के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे, हाई कोर्ट की स्थिति पर जताई चिंता

Update: 2025-01-09 08:14 GMT

Supreme Court

नई दिल्ली/उत्तरप्रदेश। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लखनऊ के जियामऊ में विवादित स्थल को लेकर सुनवाई की। अदालत ने विवादित स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास इकाइयों के निर्माण पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इस जमीन के स्वामित्व पर गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटों द्वारा दावा किया जाता है।

साल 2020 में, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने मुख़्तार अंसारी और अब्बास अंसारी सहित उनके बेटों के बंगले को बुलडोजर से गिरा दिया था। सरकार की योजना पीएम आवास योजना के तहत इस जमीन पर फ्लैट बनाने की है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अब्बास अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर किया कि जमीन के कब्जे से संबंधित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के समक्ष बार-बार सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई गई।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट पर चिंता व्यक्त भी की है। उन्होंने टिप्पणी की, "कुछ हाईकोर्ट ऐसे हैं, जहां यह नहीं पता होता कि क्या होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट उनमें से एक है, जो चिंताजनक है।"

यह टिप्पणी हाईकोर्ट में अंसारी की याचिका पर बार-बार लिस्टिंग के बावजूद सुनवाई न होने और अंतरिम राहत न मिलने के संदर्भ में की गई। इस टिप्पणी के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका के लिए स्थगन स्थिति (Status Quo) बनाए रखने का आदेश दिया और निर्देश दिया कि मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट की उचित पीठ के सामने जल्द सूचीबद्ध किया जाए।

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