गरीबी को पीछे छोड़ लखपति बनीं सोनभद्र की विनीता: कौड़ियों के भाव दूध बेचकर गुजारा कर रही विनीता को मिला काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का साथ…
सोनभद्र। सोनभद्र के छोटे से गांव प्रसिद्धी में एक साधारण महिला की असाधारण सफलता आज हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा बन गई है, जो अपने सपनों को सच करने की कोशिश में है। एक संयुक्त परिवार की सदस्य विनीता कभी गरीबी और निराशा के साये में जी रही थीं, अब 40 से अधिक गायों की मालिक हैं और काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की बदौलत आज ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं।
यह सफलता की गाथा केवल उनकी मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) की क्रांतिकारी पहल का जीवंत उदाहरण है।
विनीता की कहानी उन लाखों ग्रामीण महिलाओं के लिए एक मिसाल है, जो योगी सरकार की योजनाओं आर्थिक सशक्तीकरण के रास्ते पर चलकर अपनी जिंदगी को नई दिशा दे रही हैं।
संघर्ष को मिला योगी सरकार का साथ, बदली जिंदगी : विनीता की जिंदगी कभी आसान नहीं थी। तरावा ग्राम पंचायत के प्रसिद्धी गांव में रहने वाली यह स्नातक महिला अपने 14 सदस्यों वाले परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी संभालती थीं। विनीता बताती हैं कि उनके पास 10-12 गायें थीं, जिनका दूध वे निजी डेयरियों को बेचती थीं। दिन-रात मेहनत के बावजूद उचित मूल्य और समय पर भुगतान न मिलने से उनका जीवन संघर्षों से भरा था। विनीता याद करते हुए बताती हैं कि पहले हमारी मेहनत का सही फल नहीं मिलता था। दूध बेचने के बाद भी घर का खर्च चलाना मुश्किल था। बच्चों की पढ़ाई और परिवार की बुनियादी जरूरतें एक सपने जैसी थीं।
लेकिन किस्मत ने उनके लिए एक नया मोड़ तब लिया, जब उन्होंने काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के बारे में सुना। कंपनी की उचित मूल्य नीति और किसानों को हर संभव मदद देने का वादा उनके लिए आशा की एक किरण बन गया। आज उनके पास 40 गाएं हैं, महिलाओं का एक स्वयं सहायता समूह है जिसके जरिए वो आज क्षेत्र की तमाम ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने बदली मेरी जिंदगी : विनीता ने ॐ महिला सहायता समूह के जरिए काशी मिल्क से हाथ मिलाया और अपनी मेहनत को नई दिशा दी। कंपनी की मदद से उन्हें उचित मूल्य, प्रशिक्षण और संसाधन मिले।
पहले कौड़ियों के भाव बिकने वाला उनका दूध अब उन्हें सम्मानजनक आय देता है। मात्र दो साल में उनकी आय 1 लाख रुपये से अधिक हो गई, और आज उनके पास 40 से अधिक गायें हैं, जिनकी देखभाल वे अपने परिवार के साथ करती हैं। विनीता बड़े गर्व से कहती हैं कि योगी सरकार की राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने मेरी जिंदगी बदल दी। काशी मिल्क से समय पर भुगतान और सहायता ने मुझे आत्मविश्वास दिया। अब मैं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हूं और परिवार को बेहतर जीवन दे रही हूं।
काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन को दी नई दिशा : काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन को नई दिशा दी है। विनीता इस कंपनी की पहली पांच लखपति दीदियों में शामिल हैं।
यह बलिया, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी और भदोही जैसे जनपदों में फैली है। इस कंपनी के तहत 700 गांवों की 30,497 महिलाएं जुड़ी हैं, जो प्रतिदिन 1.03 लाख लीटर दूध संग्रह करती हैं।
इनमें से 5,209 महिलाएं अब ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं, जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से अधिक है। बता दें कि प्रदेश भर में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 3,926 गांवों से हर दिन 7.29 लाख लीटर दूध का संग्रह हो रहा है, जिससे 28,853 महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुई हैं। बलिनी, सामर्थ्य, गोरखनाथ कृपा और सृजनी जैसी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों ने मिलकर 1,250 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करना सीएम योगी का विजन : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना है और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है।
योगी सरकार ने सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों के जरिए महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन का मंच प्रदान किया है। विनीता की सफलता ने न केवल उनके परिवार को सशक्त किया, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की है। सही नीति, समर्थन और मेहनत के साथ हर महिला अपने सपनों को हकीकत में बदल सकती है। योगी सरकार का यह प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ महिलाओं को समाज में नई पहचान दे रहा है।
समाज के लिए प्रेरणा है विनीता की सफलता : योगी सरकार के प्रयासों से विनीता की यात्रा इस
बात का उदाहरण है कि उचित बाजार और सहायक बुनियादी ढांचे तक पहुंच ग्रामीण समुदायों के जीवन में कितना बड़ा बदलाव ला सकती है। उनका अटूट दृढ़ संकल्प और काशी मिल्क के समर्थन ने उन्हें न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाया, बल्कि एक उद्यमी के रूप में उभरने का मौका भी दिया। विनीता कहती हैं कि काशी मिल्क और स्वयं सहायता समूह ने मुझे न केवल आर्थिक मजबूती दी, बल्कि जीने का नया नजरिया भी सिखाया। विनीता की सफलता केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की ग्रामीण क्रांति का प्रतीक है। योगी सरकार की इस पहल ने लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है और ग्रामीण क्षेत्रों में एक सकारात्मक बदलाव लाया है।
वर्जन : मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि यह पहल केवल महिलाओं को आर्थिक मजबूती नहीं दे रही, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है। काशी मिल्क जैसी कंपनियां महिलाओं को सही मंच और संसाधन प्रदान कर रही हैं, जिससे वे अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं। कंपनी की नीति, जिसमें दूध का भुगतान समय पर सीधे बैंक खाते में होता है, ने महिलाओं को भविष्य के लिए पूंजी जमा करने का अवसर भी दिया है।