ग्वालियर न.स.। मप्र में मंत्रिमंडल बंटवारे को लेकर 10 दिनों तक चले मंथन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता के लिए 'अमृत' स्वरूप सौगात दी हैं। जिसमें एक बार पुन: यशोधरा राजे सिंधिया के खेल मंत्री बनने से प्रदेश के खेल प्रेमियों और खिलाडिय़ों में हर्ष की लहर है और उम्मीद है कि एक बार फिर नई ऊर्जा के साथ प्रदेश में खेलों के विकास की गंगा बहेगी। ग्वालियर में ट्रिपल आईटीएम के सामने स्थित मैदान पर खेल गांव का कार्य रफ्तार पकड़ेगा साथ ही खेल जगत से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि यशोधरा राजे इस खेल गांव को धरातल पर उतारकर ग्वालियर वासियों को एक बड़ी सौगात प्रदान करेंगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल में खेल मंत्री के रूप में एक ऐसी शख्सियत को जगह दी है जो स्वयं घुड़सवारी की राष्ट्रीय खिलाड़ी रही हैं जिनकी खेलों के प्रति दीवानगी ईमानदार व्यक्तित्व की देश में मिसाल दी जाती है। इस बार यशोधरा राजे सिंधिया के खेल मंत्री बनने से एक नया कीर्तिमान भी बना है। यशोधरा राजे सिंधिया देश के किसी भी राज्य की सबसे अधिक समय तक खेल मंत्री रहने वाली देश की पहली जनप्रतिनिधि बन गई।
वर्ष 2006 में जब लंबे अंतराल के बाद भाजपा सरकार मध्यप्रदेश में बनी उस समय मंत्रिमंडल में खेल मंत्री की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं था कारण था खेल विभाग का मात्र 4 करोड़ का बजट, ऐसे में यशोधरा राजे ने आगे बढ़कर खेल मंत्रालय का जिम्मा संभाला और संकल्प लिया कि इस मंत्रालय को ऐसी ऊंचाइयों तक ले जाएंगी कि अगली बार खेल मंत्री पद के अनेक दावेदार हों। वर्ष 2006 में खेल मंत्री का दायित्व संभालते ही यशोधरा राजे ने जुनून के साथ काम किया और खेल मंत्री का बखूबी साथ दिया तत्कालीन खेल संचालक संजय चौधरी ने, खेल मंत्री और खेल संचालक की जोड़ी ने 1+1=11 का काम किया और देखते ही देखते प्रदेश में खेल प्रशिक्षक, खेल कर्मचारियों की भर्ती से लेकर प्रदेश में खेल अधोसंरचना के क्षेत्र में ऐसे बेमिसाल कार्य हुए जो आगे चलकर प्रदेश के खेल विकास में मील का पत्थर साबित हुए।
देश में पहली बार किसी राज्य ने खेल अकादमियों का प्रचलन प्रारंभ किया और ग्वालियर में महिला हॉकी अकादमी, बैडमिंटन अकादमी, वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल में निशानेबाजी अकादमी, घुड़सवारी अकादमी, एथलेटिक्स अकादमी, बॉक्सिंग अकादमी, कराटे अकादमी, कुश्ती अकादमी, जबलपुर में तीरंदाजी अकादमी सहित प्रदेश में लगभग डेढ़ दर्जन खेल अकादमियों की स्थापना कर प्रदेश में खेल और खिलाडिय़ों को एक नई दिशा दी। प्रदेश में अधोसंरचना के क्षेत्र में भी ऐतिहासिक कार्य हुए जिनमें प्रदेश के प्रत्येक जिले में खेल मैदानों, स्टेडियम और खेल कार्यालय का निर्माण हुआ। अब एक बार पुन: यशोधरा राजे के खेल मंत्री बनने से प्रदेश और शहर के खेल प्रेमियों और खिलाडिय़ों में खुशी देखी गई है। वहीं विभिन्न खेलों के जानकारों का कहना है कि जो कार्य कमलनाथ सरकार के समय रोक दिए गए थे अब उन कार्यों में तेजी आएगी।