हिन्‍दुओं पर बरसते इस्‍लामिक पत्‍थरों पर मौन मजहबी स्‍कॉलर

- डॉ. मयंक चतुर्वेदी

Update: 2024-01-25 12:58 GMT

फाइल फोटो - मीरा भायंदर में हुई घटना का दृश्य 

मजहब नहीं सिखाता आपस मे बैर रखना ; इस्‍लाम भाईचारे का मजहब है, कुरान की आयतें इंसानियत की शिक्षा देती हैं! इस्‍लाम को लेकर मजहबी स्‍कॉलर अनेक अवसरों पर इस तरह के तर्क देते हुए नजर आते हैं। वे इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं होते हैं कि कहीं कोई गड़बड़ है, जिसे मजहबी तौर पर ठीक किए जाने की आवश्‍यकता है। भगवान रामलला 500 सालों के तमाम संघर्षों के बाद अनेक हुतात्‍माओं की बलिवेदी पर त्‍याग और समर्पण की पराकाष्‍ठा होने के पश्‍चात अपने घर में विराजमान हुए हैं। भगवान राम भारत की चेतना है, आत्‍मा हैं और जीवन का व्‍यवहार है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भगवान राम को लेकर कई महत्‍व की बातें पिछले दिनों कही हैं; यथा- ‘‘राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हज़ारों वर्षों तक होता है।’’

उन्‍होंने यह भी कहा, ''राम आग नहीं है, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ़ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं। राम सिर्फ़ वर्तमान नहीं, राम अनंतकाल हैं। ये भारत का समय है और भारत अब आगे बढ़ने वाला है। शताब्दियों के इंतज़ार के बाद ये पल आया है, अब हम रुकेंगे नहीं। ये मंदिर, मात्र एक देव मंदिर नहीं है, ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं । आज हमारे राम आ गए हैं, राम सदियों की प्रतिक्षा के बाद आए हैं। इस तरह देखें तो सदियों के संघर्ष के बाद रामलला अपने स्‍थान पर विराजमान हुए हैं। होना तो यह चाहिए कि राम हर भारतीय के पूर्वज हैं इस नाते से भी उनका सम्‍मान हर उस भारतीय को भी मत भिन्‍नता के बाद करना चाहिए जोकि भारत का नागरिक है, किंतु व्‍यवहार में हो क्‍या रहा है?

कट्टरपंथी आज भी भारत और यहां की सनातन सभ्‍यता-संस्‍कृति को अपना निशाना बना रहे हैं, जिनमें कि सबसे अधिक कट्टरवाद यदि कहीं दिखता है तो वह इस्‍लाम पंथ को माननेवालों में है। आप विचार करें, देश में एक ओर भगवान राम अपनी अयोध्‍या में विराजमान हो रहे हैं तो दूसरी ओर राम भक्‍तों को देश भर में अलग-अलग जगह निशाना बनाया जा रहा है! जिस इस्‍लाम को प्रेम का मजहब बताने के कई प्रयास लगातार उनके स्‍कॉलर्स करते हुए नजर आते हैं, उनसे आज पूछा जाना चाहिए कि फिर क्‍यों शांति से अपनी प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त करते हुए राम भक्‍तों पर इस्‍लाम के माननेवाले पत्‍थर, डंडे और तलवार बरसा रहे हैं।

घटनाएं अनेक हैं । अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर पूरा देश हर्षोल्लास में डूबा हुआ था तो वहीं, हिन्‍दू इस दिन भी इस्लामी कट्टरपंथियों की हिंसा से नहीं बच सका। गुजरात में दो जगह पर हिन्दुओं की शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी हुई। मेहसाणा के खेड़ालू में हिन्दुओं पर हमला हुआ। वडोदरा के भोज गाँव में मुस्लिम भीड़ ने हिन्दुओं पर तब हमला किया जब वह प्रभु श्रीराम की शोभा यात्रा निकाल रहे थे। सभी एफआईआर में सामने आया है कि कैसे मुस्लिम भीड़ ने हिन्दुओं पर हमला किया और उन्हें मारने की कोशिश की। कट्टरपंथी चिल्ला रहे थे किसी को जिन्दा नहीं छोड़ना है। मुस्लिम भीड़ ने उन्हें मारने की नीयत से हमला जारी रखा।

वडोदरा के साधली गाँव के मुस्लिम युवक हमजा खत्री, फैजान नानियो और जुनेद कुरैशी ने राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही इन्स्टाग्राम पर धमकी भरे पोस्ट किए। उन्होंने लिखा, “जब वक्त हमारा आएगा, तब सर धड़ से अलग किया जाएगा।” कर्नाटक के कलबुर्गी में श्रीराम की शोभा यात्रा के वक्‍त मुस्लिम युवक बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर हंगामा करने लगे। यहां के बेलगावी में भी प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मना रहे हिन्दुओं पर पथराव किया गया। पुणे के ‘भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान’ में ‘बाबरी को याद रखो’ पोस्‍टर लगाए गए। पोस्टर में अन्य कई भड़काऊ बातें भी लिखी गईं। छतीसगढ़ के राजनांदगाँव में मुस्लिम युवक-युवतियों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आपत्तिजनक बातें सोशल मीडिया पर विवादित ढाँचे बाबरी की तस्वीर को पोस्ट करते हुई कहीं और लिखीं। पोस्ट करने वालों के नाम चिंटू खान, चमन खान और सालिका खान (युवती) हैं।

उत्तराखंड के देहरादून और उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर से हिन्दू धर्म ध्वजाओं का अपमान किया गया। मुस्लिम युवकों फिरोज, शाबत और शोएब ने झंडों को उठाकर अमर्यादित कृत्य किया। शाहजहाँपुर के बतलैया गाँव में प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में यात्रा निकाली गई, गाँव को सजाया गया था लेकिन गाँव के कुछ मुस्लिम व्यक्तियों ने यह झंडे उतार कर फेंक दिए और इन पर गंदगी डाली। मामले में ताज्जु, शाहनवाज, इकबाल, अजमल समेत 17 लोगों के नाम प्रमुखता से सामने आए हैं।

तेलंगाना के संगारेड्डी में एक मुस्लिम युवक ने ओम लिखे भगवा झंडे को अपमानित करने वाली रील बनाई। वायरल रील में मुस्लिम युवक अपमानजनक तरीके से अपनी पैंट के अंदर ‘ओम’ लिखा भगवा झंडा डालता हुआ दिखाई दे रहा है। वीडियो में ये कहता है, “तुम्हारी औकात हमारे पैरों की धूल और हम मुसलमान है।” इसके बाद भगवा झंडे को अपनी पैंट के अंदर डालते हुए कहने लगता है, “ये मत भूल की मुसलमान एक महान हस्ती, सामान घुसेड़ देते हैं जबरदस्ती।” मुस्लिम युवक की रील में आगे समझ आ गया जानी, चल हो जा पानी कहता है। रील के बैकग्राउंड में ‘हम बाप है तु्म्हारे, तुम बेटे हो हमारे, हमसे डरा करो’ गाना बज रहा है।

झारखंड के गिरिडीह में तनाव की तीन घटनाएँ सामने आई। इसमें कई लोग घायल हुए हैं। आजाद नगर के पास राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता बिरनी के रोहित महतो पर जानलेवा हमला किया हुआ। वहीं, मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चुंजका के पास जमकर पथराव हुआ। झारखंड के लोहरदगा के कैरो थाना क्षेत्र के हनहट गाँव में लाठी डंडे के साथ इस्‍लामिक भीड़ ने मंदिर को घेर लिया। धनबाद के टुंडी थाना कदैयाँ इलाके में छाताबाद से श्रीराम यात्रा निकाल रहे भक्‍तों से मुस्‍लिम पक्ष के कई घरों से लोग बाहर निकलकर मारने लगे। जो यात्रा में थे उन हिन्‍दुओं को अंदाजा भी नहीं था कि अचानक से उनपर इस तरह से हमला हो जाएगा। वे तो राम भजन करते हुए अपनी यात्रा निकाल रहे थे।

ठाणे के मीरा रोड पर घटी घटना में इस्लामी कट्टरपंथियों ने श्रीराम यात्रा निकाल रहे हिन्दुओं पर लोहे की रॉड और हथियारों के साथ हमला किया। यहीं, मुंबई के नयानगर में हिन्दुओं पर इस्लामी भीड़ ने हमला कर दिया। इस्लामी दंगाइयों ने हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए बजरंग बली की छवि वाले पोस्टर भी फाड़े हनुमान जी के झंडों पर इस्लामी कट्टरपन्थियों ने उलटी तक की। ये अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगा रहे थे। अब अल्लाह-हू-अकबर पर आते हैं, इस शब्‍द का आशय है ‘‘अल्लाह सब से महान है। अल्लाह सब से महान है।’’ सोचनेवाली बात है; कौन हिन्‍दू इसका विरोध कर रहा है कि आप अपने अल्‍लाह को सबसे महान नहीं बताएं? लेकिन क्‍या इसके लिए आप (मुसलमान) श्रीराम यात्राओं पर या हिन्‍दू धार्म‍िक यात्राओं पर हमला करेंगे।? अपनी महानता के लिए दूसरे के राम (इष्‍ट) को नीचा दिखाएंगे? आपकी महानता आपको मुबारक, लेकिन हमें अपने विचार पर आप कैसे आबद्ध रहने और होने से रोक सकते हैं ? वास्‍तव में मौन मजहबी स्‍कॉलर से यह बातें हम सभी हिन्‍दू सनातनियों को अवश्‍य पूछना चाहिए।

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