
आज यानी मंगलवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसी दिन कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसे ही चैत्र शुल्का एकादशी कहा जाता है। सनातन धर्म में एकादशी को विशेष पर्व माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की एकादशी तिथि 7 अप्रैल की रात 8 बजे से शुरू हो गई है। जिसका समापन 8 अप्रैल यानी कल रात 9 बजकर 12 मिनट पर होगा। एकादशी के पारण की बात करें तो आज 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 2 मिनट से शुरू चुका है जो कि 8 बजकर 34 मिनट तक होगा।
कामदा एकादशी की पूजन विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- स्वच्छ पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु के समक्ष हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
- घर के मंदिर को साफ करें और गंगा जल का छिड़काव करें।
- भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, चंदन का तिलक और पीले फूल अर्पित करें।
- कामदा एकादशी व्रत कथा पढ़ें या सुनें और अंत में भगवान विष्णु की आरती करें।
- शाम को विधिवत पूजा कर शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें।
कामदा एकादशी के उपाय
कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के समक्ष विष्णु के बीज मंत्र का जाप करें और मंत्र है- ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करें इससे पैसों की तंगी खत्म हो जाएगी। इसके अलावा अगर करियर में समस्याएं आ रही हैं तो एकादशी के दिन विष्णु भगवान को 11 पीले रंग के फूल चढ़ाएं।
कामदा एकादशी की व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, चिर काल में भोगीपुर गांव में एक राजा रहता था, जिसका नाम पुंडरीक था। उसके के गाँव में एक ललित नामक गायक रहता था। एक बार राजा के दरबार में वो गीत का रहा था तभी उसका ध्यान अपनी पत्नी ललिता की ओर चला गया जिससे उसके स्वर बिगड़ गया। इससे क्रोधित होकर राजा ने उसे राक्षस बनने का श्राप दे दिया। इससे परेशान होकर ललिता श्रृंगी ऋषि में पहुंची और उन्होंने ऋषि को पति के बारे में बताया। ऋषि ने उसे कामदा एकादशी का व्रत रखने को कहा। इस व्रत को रखने से ललिता का पति ललित श्राप मुक्त हो गया।