नई दिल्ली/लख़नऊ । प्रवासी मजदूरों पर कांग्रेस की बस राजनीति फेल हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस की ही एक बडी़ नेत्री ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा व कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाए हैं। खुद कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के रायबरेली संसदीय क्षेत्र से विधायक अदिति सिंह ने श्रमिकों के लिए बसों पर हो रही राजनीति पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। अदिति सिंह ने कांग्रेस से पूछा कि कोरोना संकट के समय इतनी 'ओछी राजनीति' करने की क्या आवश्यकता थी?
गौरतलब है कि अदिति सिंह कांग्रेस की महासचिव हैं जिन्हें तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अगस्त 2018 में इस पद पर मानोनीत किया था। हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा है कि अदिति सिंह को कांग्रेस से निष्काषित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
अदिति ने उत्तर प्रदेश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और अपनी पार्टी की उसमें भागीदारी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जो 1000 बसों की सूची भेजी गई है, उसमें आधी से ज्यादा बसों में फर्जीवाड़ा है। इनमें 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियाँ और 68 वाहन बिना कागजात के हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर इतनी संख्या में बसें लानी ही थी तो पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाया गया? राजनीतिक दंगल के के लिए आखिर उन्होंने उत्तर प्रदेश को ही क्यों चुना? क्या इसलिए कि वो उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीति चमकाना चाहती थी?
राष्ट्रपति महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के मौके पर पिछले साल दो अक्टूबर उत्तर प्रदेश विधानसभा में विशेष सत्र आयोजित किया गया था। राज्य की विधानसभा के इस विशेष सत्र का कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने बहिष्कार किया था। इसके पहले उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का भी समर्थन पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर किया था। इसके अलावा उन्होंने प्रियंका गाँधी-वाड्रा के गाँधी जयंती पर किए गए 'शांति मार्च' से भी किनारा कर लिया था।