मुख्यमंत्री योगी ने विपक्ष से पूछा- क्या ये प्रदेश सिर्फ सत्ता पक्ष का है
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर विधानसभा में विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संवाद का सिलसिला चलता रहना चाहिए। लेकिन, विपक्ष के लोगों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जिस तरह का व्यवहार किया वह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि सत्ता का विरोध करते हुए कई बार विपक्ष के लोग प्रकार के बयान देते हैं जिससे प्रदेश की छवि लोगों के सामने खराब होती है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से सवाल किया कि क्या ये प्रदेश आपका नहीं है? क्या ये प्रदेश सिर्फ सत्ता पक्ष का है। उन्होंने कहा कि सदन में हमारा जैसा व्यवहार होता है वैसी ही छवि लोग हमारे बारे में बनाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर कोई लाल टोपी पहनता है। कोई हरी टोपी पहनता है। लोग कहीं विधायिका को नाटक कम्पनी का पात्र न समझ लें इसका हमें ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर आप लाल टोपी की जगह पगड़ी पहनकर आते तो और भी अच्छा होता।
अभिभाषण से प्रदेश को मिलती है दिशा और दृष्टि -
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल प्रदेश की संवैधानिक प्रमुख हैं। यह परम्परा रही है कि विधान मंडल की कार्यवाही वर्ष में राज्यपाल के अभिभाषण से प्रारंभ हो और सत्र का शुभारम्भ उसके साथ ही शुरू होता है। इस अवसर पर अभिभाषण के माध्यम से एक दिशा और दृष्टि सरकार को ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश को भी प्राप्त होती है। इसके लिए मैं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
विधायिका के मंच का चर्चा के लिए किया बेहतर उपयोग -
उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य के लिए कोरोना के दौरान विधान मंडल में हुई चर्चा ने हमें कार्य करने के लिए बल दिया था। अनुसूचित जाति, जनजाति से सम्बन्धित बिल पर भी यहां विशेष सत्र बैठा था, तब भी सदन में चर्चा हुई थी। हमने इसे टालने की रणनीति नहीं अपनाई। विधायिका के इस मंच का चर्चा के लिए बेहतर उपयोग किया गया। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद शैक्षिक सत्र 2020-21 में (जनवरी 2021 तक) ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत प्रदेश के 57,106 विद्यालयों को अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया गया है।
रिकवरी रेट सर्वाधिक -
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान हमने टीम 11 का गठन किया, जिसमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। इसकी बैठक का सिलसिला हमने आज तक जारी रखा है। पूरे देश में उत्तर प्रदेश का कोविड-19 रिकवरी रेट सर्वाधिक है। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था डब्ल्यूएचओ को भी उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबंधन की सराहना करनी पड़ी, यह प्रदेश की 24 करोड़ जनता का सम्मान था। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने आपदाकाल में श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, पल्लेदारों, कुली, रिक्शा चालकों के लिए भरण-पोषण भत्ता की घोषणा ही नहीं की बल्कि उसे उपलब्ध भी कराया।
पुलिस का नया चेहरा आया सामने -
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कोटा, राजस्थान तथा प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सुरक्षित व सकुशल उनके घर पहुंचाया। न केवल बाहर राज्यों में पढ़ने वाले हमारे छात्रों के लिए महामारी के दौरान घर वापस लाने के लिए बसों की व्यवस्था की, बल्कि हरियाणा और उत्तराखंड के छात्रों को भी सकुशल उनके घर पहुंचाया। उत्तर प्रदेश पुलिस का एक नया चेहरा सामने आया। लॉकडाउन के दौरान 112 यूपी के पुलिसकर्मियों ने घर-घर आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए डोर-स्टेप डिलीवरी कर सराहनीय कार्य किया। इसी तरह कोरोना कालखंड में जिला स्तर पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई। टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करते हुए कम्युनिटी किचन के माध्यम से करोड़ों फूड पैकेट पूरे कोरोना काल में वितरित करने का कार्य किया गया।