कोरोना के खिलाफ लड़ाई में युद्ध स्तर पर जुटे सीएम योगी
कोरोना काल में ऑक्सीजन की महत्ता को देखते हुए अस्पतालों में 13 ऑक्सीजन प्लांट और आठ ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट की स्थापना, जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब और अत्याधुनिक मशीनों से लेकर स्थानीय स्तर पर मैनपावर भी बढ़ाया जा रहा है।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में युद्ध स्तर पर कार्यवाही कर रहे हैं। कोरोना काल में ऑक्सीजन की महत्ता को देखते हुए अस्पतालों में 13 ऑक्सीजन प्लांट और आठ ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट की स्थापना, जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब और अत्याधुनिक मशीनों से लेकर स्थानीय स्तर पर मैनपावर भी बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों, संस्थानों और चिकित्सा महाविद्यालयों में रीफिल के लिए करीब आठ करोड़ रुपए में पांच हजार डी टाइप जम्बो सिलेंडर खरीद जा रहे हैं। इसमें कुछ मशीनें भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी को देखते हुए जिले स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि इस आपात परिस्थिति से निपटने के लिए अगर किसी चीज की आवश्यकता हो, तो शासन को तत्काल सूचित करें। इस महामारी से निपटने के लिए धन की पर्याप्त व्यवस्था है, इसकी चिंता न करें। वर्तमान परिस्थितियों में ऑक्सीजन की रीफिलिंग के लिए जंबो सिलेंडर की काफी आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जिसे देखते हुए सीएम योगी के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग डी टाइप पांच हजार जंबो सिलेंडर खरीद रहा है।
एक जंबो सिलेंडर में 46.7 लीटर ऑक्सीजन आती है और प्रति सिलेंडर के हिसाब से पांच हजार जम्बो सिलेंडर में दो लाख 33 हजार पांच सौ लीटर ऑक्सीजन आएगी। इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की रीफिलिंग होने से स्थानीय स्तर पर काफी राहत मिलेगी। साथ ही भविष्य में भी ऑक्सीजन की रीफिलिंग को लेकर परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि सभी ऑक्सीजन सिलेंडर का भंडारण कैंसर इंस्टीट्यूट लखनऊ में होगा और यहीं से जिलों को आवश्यकतानुसार जंबो सिलेंडर भेजे जाएंगे। दो दिन में आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है। हर तीसरे दिन पांच सौ सिलेंडर आएंगे। इससे जिले स्तर पर ऑक्सीजन की रीफिलिंग में काफी मदद मिलेगी।
सीएम योगी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में युद्ध स्तर पर लगे
चिकित्सा शिक्षा विभाग जालौन मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट लगाएगा। इसके लिए ऑक्सीजन जनरेटर सिस्टम की स्थापना और प्लांट रूम के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। मूल्यांकन समिति ने एक करोड़ 97 लाख का एस्टीमेट तैयार किया था। जालौन मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना से भर्ती रोगियों को निर्बाध गति से ऑक्सीजन मिलेगी और किसी निजी संस्था से ऑक्सीजन नहीं लेनी पड़ेगी।