गोमती पुस्तक महोत्सव 2024: नदी किनारे किताबों का महाकुम्भ, साहित्य और फिल्मों के अनूठे संगम के तीसरे सत्र का सीएम योगी करेंगे उद्घाटन
अतुल मोहन सिंह, लखनऊ। आदि गंगा गोमती का तट एक बार फिर किताबों के महाकुम्भ का साक्षी बनने जा रहा है। लखनऊ के रिवर फ्रंट पार्क में 9 से 17 नवंबर तक साहित्य की लहरी गूंजेगी, गोमती के साथ ही शब्द सरिता भी बहेगी। एनबीटी इंडिया के अनुष्ठान गोमती पुस्तक महोत्सव 2024 के तीसरे संस्करण का उद्घाटन शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।
यह जानकारी शुक्रवार को गोमतीनगर के एक निजी होटल में हुई पत्रकार परिषद में लखनऊ की मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब, जिलाधीश सूर्यपाल गंगवार एवं एनबीटी इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने कहीं। लखनऊ नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह भी रहे।
मंडलायुक्त डॉ.रोशन जैकब ने लखनऊ के लोगों से गोमती पुस्तक महोत्सव का हिस्सा बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह कला, साहित्य और फिल्मों का एक अनूठा संगम है। सूरज, नदी, हरियाली लखनऊ की विरासत से युक्त खूबसूरत स्थल गोमती रिवरफ्रंट पार्क गोमती पुस्तक मेले को आकर्षक बना रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 50 से अधिक प्रख्यात लेखक गोमती पुस्तक महोत्सव में साहित्यिक चर्चाओं का हिस्सा होंगे।
लेखक गंज में आयोजित होने वाले इन साहित्यिक कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को लेखकों, साहित्यकारों, फिल्मकारों और गायकों आदि विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात व्यक्तियों से मिलने और उनके संवाद करने का अवसर मिलेगा। इस वर्ष गोमती पुस्तक महोत्सव में पहली बार पुरस्कार प्राप्त बाल फिल्मों की स्क्रीनिंग, रचनात्मकता और कहानी कहने के उत्सव को एक नया दृश्य आयाम देगी।
डॉ. जैकब ने बताया कि रंगमंच, कविता, नृत्य, संगीत, कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजा यह पुस्तक महोत्सव 9 से 17 नवंबर तक प्रात: 11 बजे से शाम 8 बजे तक कई माध्यमों में कहानी कहने का जश्न मनाएगा। सबसे विशेष बात यह है कि इस पुस्तक महोत्सव में सभी का प्रवेश नि:शुल्क है। पाठकों के लिए गोमती रिवरफ्रंट का हर कोना किताबों से सजा मिलेगा।
सोशल मीडिया के इस दौर में पुस्तकें सही मार्ग सिखाएंगी
जिलाधीश सूर्यपाल गंगवाल ने कहा कि सभी आयु वर्ग के लिए पुस्तकों का अहम रोल है। पुस्तक महोत्सव से बच्चे खेल-खेल में सीखने की कोशिश करते हैं, युवा जिज्ञासाओं का समाधान तलाशते हैं। वरिष्ठ नागरिक अनुभव साझा करते हैं। पुस्तकें हर किसी के जीवन का अहम हिस्सा होती हैं।
सोशल मीडिया के इस दौर में पुस्तकें सही मार्ग के चयन का रास्ता बताती हैं। यह नई पीढ़ी को पुस्तकों की ओर आकर्षित करने का प्रयास है। किताबों को अलमारियों से निकाल कर पाठकों के हाथों तक पहुंचाने का कार्य सराहनीय है। उन्होंने लखनऊ की जनता को कला, साहित्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सरोबार गोमती पुस्तक महोत्सव का हिस्सा बनने का आह्वान किया।
मेला नहीं यह कला, संस्कृति और साहित्य का संगम
एनबीटी इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने बताया कि गोमती पुस्तक महोत्सव केवल पुस्तकों का मेला नहीं यह कला, संस्कृति और साहित्य का अनोखा संगम है जहां बच्चे ही नहीं हर आयु वर्ग के लोग यानी पूरा परिवार आकर रुचि के सत्रों में प्रतिभाग कर सकता है। सुबह के सत्रों में बच्चों के लिए गतिविधियां होंगी। जहां अलग-अलग कार्यशालाएं जैसे रचनात्मक लेखन, कैलिग्राफी, कहानी वाचन आदि ऐसी विभिन्न विधाएं जिनके माध्यम से बच्चों का संपूर्ण विकास हो सके।
देश के अलग-अलग क्षेत्रों से प्रख्यात लेखक महोत्सव में चर्चाएं, विचार-विमर्श करेंगे। नवोदित लेखक लेखकगंज में पुस्तक विमोचन भी कर सकते हैं। उनके लिए भी कार्यशालाएं रखी गई हैं। युवाओं के लिए कैरियर मार्गदर्शन पर कार्यशाला होगी। विख्यात बाल फिल्मों को बाल फिल्म महोत्सव में देखा जा सकेगा।
शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम युवाओं को जोश से भर देगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में कवि सम्मेलन, मुशायरा, लोक गायन एवं संगीत की प्रस्तुति होगी। हर हाथ में एक पुस्तक के अभियान के तहत एनबीटी, इंडिया का यह प्रयास सभी पाठकों का इस पुस्तक महोत्सव में स्वागत करता है।