योगी सरकार ने सख्त किए बोर्ड परीक्षा के नियम, अब नकल करने वालों पर लगेगी रासुका
लखनऊ से बलिया तक तकनीक से होगी निगहबानी
लखनऊ। यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल को लेकर सरकार काफी सख्त है। परीक्षा की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। तकनीक के सहारे ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता। परीक्षा व्यवस्था में लगे प्रमुख लोगों के नम्बर सर्विलांस पर रहेंगे। नकल करने व कराने वालों पर रासुका भी लगाया जाएगा।
16 फरवरी से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षा को लेकर प्रशासन की तैयारी जोरों पर है। बल्कि यूं कहें कि इस बार कुछ अधिक ही सतर्कता है। परीक्षा केंद्रों की निगरानी पूरी तरह से तकनीक के हवाले रहेगी। लखनऊ से लेकर जिला तक दो स्तरों पर निगरानी की व्यवस्था की गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश सिंह ने बोर्ड परीक्षा को लेकर बताया कि एक कंट्रोल रूम लखनऊ से काम करेगा। जहां हर परीक्षा केन्द्र की निगरानी के लिए दो लोगों को लगाया गया है। जबकि जिला मुख्यालय पर भी पच्चीस लोगों की टीम पूरी परीक्षा व्यवस्था पर निगाह रखेगी। इस टीम का नेतृत्व उप जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी व एक जीआईसी प्रिंसिपल करेंगे। प्रश्न पत्रों का वितरण भी खासी कड़ी सुरक्षा में होगा। एक एसडीएम और जीआईसी प्रिंसिपल हर परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र भिजवाएंगे।
डीआईओएस ने बताया कि परीक्षा की सुचिता को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। केंद्र व्यवस्थापक, स्टेटिक मजिस्ट्रेट, वाह्य केंद्र व्यवस्थापक के नम्बर सर्विलांस पर रहेंगे। हर परीक्षा केन्द्र और दो स्ट्रांग रूम बनाये जाएंगे। स्ट्रांग रूम समेत सभी कमरे सीसीटीवी की निगहबानी में रहेंगे। जैसे ही कोई गड़बड़ी मिलेगी। त्वरित कार्रवाई होगी। जिसके लिए पुलिस के साथ भी समन्वय बनाया गया है। इस बार परीक्षा में नकल में शामिल पाए जाने पर केन्द्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक, परीक्षार्थी या फिर कोई बाहरी व्यक्ति हो, किसी के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। नकल में शामिल पाए जाने पर जेल भेजा जाएगा और रासुका जैसी कड़ी कार्रवाई भी होगी। रमेश सिंह ने बताया कि परीक्षा में उत्तर पुस्तिका पर ओएमआर के साथ क्यूआर कोड होगा। जिससे कापियां बदली नहीं जा सकतीं।
168 केन्द्रों पर होगी परीक्षा
पिछले साल 211 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। जबकि इस बार 43 कम कर 168 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। प्रशासन इसे अपने लिए सहूलियत मान रहा है। इन परीक्षा केंद्रों पर पर हाईस्कूल के 77,023 संस्थागत और 284 व्यक्तिगत परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। जबकि इंटरमीडिएट के 77,447 संस्थागत व 4311 व्यक्तिगत परीक्षार्थी हैं। हालांकि, परीक्षार्थियों की संख्या को देखते हुए कुछ व्यवहारिक दिक्कतें आ सकती हैं। जिससे निपटने के लिए बैठने की अतिरिक्त व्यवस्था कर ली गई। जहां कमरों की कमी है, वहां टिन शेड बढ़ाए जाएंगे