उप्र बजट : धार्मिक नगरी अयोध्या, वाराणसी, और चित्रकूट का होगा सौन्द्रीयकरण
लखनऊ। योगी सरकार ने अपने बजट में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देते हुए प्राचीन नगरियों अयोध्या, वाराणसी, नैमिषारण्य, चित्रकूट और विंध्याचल में मूलभूत पर्यटन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी पर खास जोर दिया है। प्रदेश में एयर, राजमार्ग कनेक्टिविटी बढ़ाने पर फोकस किया गया है। प्रदेश की समृद्ध प्राचीन विरासत को वैश्विक पटल पर पहुंचाने के उद्देश्य से जनजातीय संग्रहालय व महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों की याद में वीथिका संग्रहालय बनाने का ऐलान किया है। चौरी-चौरा कांड के शताब्दी वर्ष पर विशेष बजट प्रावधान के साथ ही प्रदेश के प्रतिभावान साहित्यकारों, कलाकारों को सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया है।
540 करोड़ से अयोध्या का होगा विकास -
अयोध्या में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पर्यटन सुविधाओं के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। श्रद्धालुओं को रामजन्मभूमि तक पहुँचने में सहूलियत हो इसको ध्यान में रखते हुए श्री राम जन्मभूमि मंदिर से जुड़े संपर्क मार्गों के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। दुनिया भर के राम भक्तों को अयोध्या से जोड़ने के लिए निर्माणाधीन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 101 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की है। प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर के विकास सहित अयोध्या साथ ही रामायण सर्किट से जुड़े चित्रकूट क्षेत्र में पर्यटन विकास की विभिन्न योजनाओं के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
वाराणसी का होगा सौंदर्यीकरण
इसके अलावा, विंध्याचल शक्ति पीठ और प्राचीन नैमिषारण्य तीर्थ में आधुनिक पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए 30 करोड़ रुपए का प्रावधान है। वहीं पीएम के संसदीय क्षेत्र बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में पर्यटन सुविधाओं के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय बनेगा -
कला और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में दुनिया को प्रदेश की अनमोल धरोहरों को सँजोने के उद्देश्य से राजधानी लखनऊ में जनजातीय संग्रहालय के निर्माण के लिए 08 करोड़ रुपये और शाहजहांपुर में स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय के लिए 4 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है। चौरी चैरा जन आक्रोश कांड के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में चौरी-चौरा शताब्दी वर्ष पूरे एक वर्ष मनेगा, जिसके लिए 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।