चिरगांव में सपना देकर वर्षों से एक युवक को काट रहा सांप

Update: 2023-10-25 21:03 GMT

 झांसी। चिरगांव ब्लॉक के ग्राम पट्टी कुम्हर्रा में चैंकाने वाला मामला सामने आया है। एक बुजुर्ग ने दावा करते हुए कहा कि एक सांप वर्षों से काट रहा है और वह बजरंग बली के मंदिर आने के बाद ठीक हो जाता है। सांप अब तक उसे 12 बार काट चुका है। झाड़-फूंक करने वाले पुजारी ने बताया कि सांप उससे पिछले जन्म का बदला ले रहा है, क्योंकि सांप और पीड़ित युवक ने पिछले जन्म में एक दूसरे को बंदूक से मारा था। इस जन्म में हम सांप है और यह आदम हो गया। इसलिए हम परेशान कर रहे हैं।

चिरगांव ब्लॉक के ग्राम पट्टी कुम्हर्रा में सीताराम अहिरवार नाम का शख्स रहता है। सीताराम के मुताबिक उसके खेत पर मूंगफली उखड़ रहीं थी। वह खेत पर ही था तभी उसे सांप ने काट लिया। इसके बाद वह बजरंग बली के मंदिर पर आया और ठीक हो गया। आज दशहरा के दिन मंदिर के पुजारी और गांव के स्थानी क्षेत्रवासी एकत्रित हुए थे। वह मंदिर गया हुआ था। जहां झाड़ फूंक हुई। दावा किया गया है जब पुजारी झाड़-फूंक कर रहा था तभी उसके अंदर कोई दूसरी शक्ति आ गई। जिसने कहा कि वह सर्प है। पीड़ित और वह भाई थे। दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और दोनों ने एक दूसरे के लोगों का कत्ल कर दिया था। एक व्यक्ति ने पीड़ित के रूप में जन्म लिया तथा दूसरे ने सर्प के रूप में जन्म लिया। दुश्मनी का बदला लेने के लिए सर्प उसे स्वप्न देकर काटता है।

पीड़ित सीताराम का कहना है कि वह पट्टी कुम्हार्रा का रहने वाला है। वह खेत पर मूंगफली उखड़वाने गया था तभी सांप ने उसे काट लिया। अब तक सांप उसे 12 बार काट चुका है। जब हम 20 साल के थ,े तभी उसे सांप ने कांट लिया था। तभी से पहले हर वर्ष काटता था। अब साल में दो के अंतराल में काटता है। उसे कुछ पता नहीं चलता है दिख जायेगा और पैर में काट लेगा और भाग जायेगा। इस बार सपना नहीं आया है। पिछली बार सपने आते थे कि दो दिन बाद तुम्हें काट खाएंगे। इलाज कहीं नहीं होता। मंदिर पर ही हो जाता है सब। यह मंदिर बजरंग बली का खेरापति मंदिर है।

पुजारी शिरोमन सिंह का कहना है कि वह पट्टी कुम्हार्रा का रहने वाला है। यहां सीताराम अहिरवार है उन्हें 11 बार सांप ने सताया है। अभी हमने उनको खिलवाया तो वह बोले हम सुजान सिंह गुर्जर और प्रेमनारायण दो भाई थे। आपस में उन्होंने मारा, हमने उनको मारा बंदूक से। इस जन्म में हम सांप बन गए और यह आदमी। इसलिए हम काटते थे, परेशान करते थे। अभी सीताराम की स्थिति ठीक है। वह बोल रहे थे, अब हम उन्हें परेशान नहीं करेंगे। न परिवार को न इन्हें। पहले तो इन्हें हर साल काटता था सांप। अभी दो साल का अंतराल हो गया।  

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