बसपा उम्मीदवार श्रीकला धनंजय ने जताई पति की हत्या की आशंका, प्रधानमंत्री से लगाई गुहार
बसपा उम्मीदवार ने अभय सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि मेरे पति के ऊपर जिन लोगों ने AK47 से जानलेवा हमला किया था।
जौनपुर। धनंजय सिंह को शनिवार को जौनपुर की जेल से बरेली जेल में ट्रांसफर करने के बाद जिले की राजनीति में भूचाल सा गया है। बसपा प्रत्याशी श्रीकला धनंजय रेड्डी अपने पति धनंजय सिंह को बरेली जेल भेजे जाने से काफी दुखी और भयभीत हैं। शनिवार दोपहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक धर्म युद्ध है । एक बहू के सिन्दूर को बचाने का समय है।
उन्होंने अभय सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि मेरे पति के ऊपर जिन लोगों ने AK47 से जानलेवा हमला किया था। वे लोग भी बदले घटनाक्रम में आज सत्ता के पाले में हैं और यह सब देखकर मुझे डर है कि ये लोग मेरे पति की हत्या का प्रयास कर सकते हैं या उनको किसी और फर्जी मुकदमों में फंसाने का कुचक्र कर सकते हैं। मेरे पति का गुनाह सिर्फ इतना है कि वे निर्भीक हैं, आपकी लड़ाई में उन्होंने कभी समझौते नहीं किये।
चुनाव लड़ने का फैसला किया
उन्होंने बिना रुके, बिना थके जौनपुर के लोगों की सेवा की है और जब आपकी आवाज को सदन तक पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया तो उनके ऊपर फर्जी मुकदमे कायम कराये गए। भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को कोई और रूप दिया गया। अभी जब उच्च न्यायालय ने बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था तो भी इन लोगों ने बौखलाहट में उनका जेल ट्रांसफर कर दिया। इन लोगों के अंदर उच्च न्यायालय के फैसले का भी इंतजार करने का या उसका सम्मान करने का साहस नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं देश के प्रधान मंत्री से पूछना चाहता हूं कि विपक्ष की सरकार बनने पर आप मंगलसूत्र छीने जाने की बात करते हैं, आज आपकी सरकार में ही मेरे मंगल सूत्र पर संकट है। क्या आपका ध्यान उस पर नहीं जाएगा?
चुनाव लड़ने की इच्छा रखना गुनाह
क्या यहां जनता की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने के बाद चुनाव लड़ने की इच्छा रखना गुनाह है? आज मैं पुरुषार्थ और जज्बे की धरती जौनपुर के परिवार जन से पूछना चाहती हूं कि क्या आप अपने बेटे की अन्याय के विरुद्ध इस लड़ाई में उनका साथ नहीं देंगे?
अब आज के बाद ये लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं है, अब यह लड़ाई जौनपुर के हर एक व्यक्ति को लड़नी है। यह लड़ाई किसी एक जाति या धर्म की नहीं होगी, यह लड़ाई होगी अपनी बहू के सिन्दूर को बचाने की, आपके अपने बेटे की जान को बचाने की, जौनपुर का सम्मान बचाने की। आप सबके सामने मैं अपना आंचल फैलाती हूं कि अपना प्यार, आशीर्वाद और साथ मेरी झोली में डाल दीजिए।