चार दिन की बारिश से फसलों की सड़ रही जड़ें, भारी बारिश के साथ गिरे ओले, फसलें बर्बाद

Update: 2022-01-09 14:28 GMT

बांदा। पश्चिमी विक्षोभ से शुरू हुई बारिश रविवार को लगातार चौथे दिन भी जारी रही। मंडल के चारों जिलों में 9 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबा में बोई गई तिलहन और दलहन की फसलों के लिए खतरे की घंटी है। थोड़ा भी पानी और बरसा तो किसानों को इन फसलों से हाथ धोना पड़ेगा।

72 घंटे के अंदर लगभग 46 मिलीमीटर बारिश का औसत दर्ज किया गया। आर्द्रता 85 फीसदी बढ़ने के साथ ही गलनभरी ठंड भी कहर ढा रही है। आम दिनचर्या पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। अधिकतम और न्यूनतम पारे में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ। 17 व 16 डिग्री सेल्सियस पर है। 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती रही ठंडी हवाएं लोगों को ठिठुराती रहीं। ट्रेनों और बसों में यात्री गिने.चुने नजर आए। सड़कों और बाजारों में भी भीड़ नदारद है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की और गिरावट आएगी। बारिश के आसार बने रहेंगे। मंडी समिति में किसानों ने धान को पानी से बचाने के तमाम उपाय किएए लेकिन वह नहीं बचा सके। दो दिन की बारिश में किसानों का धान पानी में भीग गया है। उधरए ट्रैक्टर ट्रालियों पर लदे धान के बोरों में अन्ना मवेशी मुंह मारकर क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जल्द ही धूप न निकली तो भीग चुका धान सुखा नहीं सकेंगे और वह खराब हो जाएगा। उधर मंडी सचिव प्रदीप रंजन का कहना है कि कई टिन शेड खाली पड़े हैं। किसान उसके नीचे ट्रालियों को खड़ा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान क्रय केंद्र के पास से धान हटाना नहीं चाहते। हालांकि ट्रालियों को तिरपाल से ढका गया है।

भारी बारिश के साथ गिरे ओले, फसलें बर्बाद


बीती रात जोरदार बारिश होने के साथ ओले गिरने से फसलें बर्बाद होने के समाचार है। तहसील क्षेत्र के खप्टिहाकला, खरेई, अलोना, बंबिया, बरेठी, महेदू, भडौंली, छिरहुटा, गुगौली, दतरौली आदि एक दर्जन गांव में बीती रात जोरदार बारिश के साथ ओले गिरे। सरसों, मसूर, मटर और चने की फसलें बर्बाद हो गई है। किसानों की गाढ़ी कमाई की मेहनत में पानी फिर गया है। दिन में भी 9ः 30 बजे एक बार फिर ओले गिरे जिससे फसलें बर्बाद हो गई। अब ऐसे में उनकी गाढी़ कमाई की पूंजी भारी बारिश एवं ओले के चलते बर्बाद हो गई। पपरेंदा क्षेत्र में किसानों के खेत पानी से भर गए है। कमोबेश यही हालात तिंदवारी ब्लाक के हैं। अतर्रा क्षेत्र में बुधवार की देर रात से हो रही बारिश के चौथे दिन भी जारी रही। अतर्रा, सेमरिया, आऊ, खम्हौरा में रविवार की सुबह बारिश के साथ ओले भी गिरे। जिससे सरसों, मसूर, मटर और चने की फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि अभी तक लगातार हो रही बारिश से फसलों को काफी नुकसान हो रहा था। अब सुबह बारिश के साथ ओले गिरने से नुकसान ज्यादा हो गया है। खेतों में लबालब पानी भर गया है। किसान अपने खेत का पानी निकालने के लिए परेशान है।

लगातार हो रही बारिश से फसलें जलमग्न हो गई हैं। जिससे किसानों के सामने समस्या पैदा हो गई है। विकासखंड के आबादी गांव निवासी रामचंद्र बताते हैं कि उनके खेत में बोई गई मटर की फसल मसूर की फसल सरसों की फसल लगातार हो रही बारिश से डूब गई है जिससे फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। बिसंडा, कमासिन, बबेरू, बड़ोखरखुर्द ब्लाक में भी किसानों को लगातार हो रही बारिश से किसानों के खेतों में फसलों का भारी नुकसान है। 

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