बाल संप्रेक्षण गृह से बाहर आए माफिया अतीक अहमद के बेटे, कोर्ट ने बुआ को सौंपी कस्टडी
प्रयागराज में वकील उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा गार्डों की हत्या के बाद पुलिस ने अतीक के दो नाबालिग बेटों को बाल संरक्षण गृह में रखा हुआ था।
प्रयागराज। सुप्रीम कोर्ट ने बाहुबली नेता अतीक अहमद के दो नाबालिग बच्चों की कस्टडी के मामले का निस्तारण कर दिया है। जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका निस्तारित करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अतीक अहमद के बच्चों की कस्टडी उसकी बहन को मिल गई है। तीन अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से कहा था कि वो विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर नए सिरे से विचार कर एक हफ्ते में आदेश जारी करे। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से प्रयागराज भेजे गए विशेषज्ञ ने अपनी रिपोर्ट के आधार पर कहा था कि बच्चे सुधार गृह में नहीं रहना चाहते हैं। वो बाहर आना चाहते हैं। ऐसे में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी उनके मामले पर विचार करे।
बहन ने मांगी कस्टडी -
प्रयागराज में वकील उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा गार्डों की हत्या के बाद पुलिस ने अतीक के दो नाबालिग बेटों को बाल संरक्षण गृह में रखा हुआ था। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की इस साल अप्रैल में पुलिस हिरासत के दौरान हत्या कर दी गई थी। अतीक की बहन शाहीन अहमद ने अतीक के दोनों नाबालिग बच्चों की कस्टडी की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। शाहीन ने इसके पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने शाहीन की याचिका को खारिज कर दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।