50 से अधिक शिक्षक घर बैठे पा रहे वेतन
उच्चाधिकारी कर चुके हैं सेवा समाप्ति की संस्तुति, हर बार बचा ले जाते हैं जिले के अधिकारी
झांसी। शासकीय शिक्षक स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाएं, इसके लिए सरकार आए दिन सख्ती कर रही है, भले ही शिक्षा विभाग ने शिक्षकों पर नजर रखने के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी, प्रेरणा एप सहित कई व्यवस्थाएं लागू की हों, लेकिन फिर भी शिक्षकों की लापरवाही खत्म नहीं हो रही है। झांसी में लगभग 50 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने सालों से अपने स्कूल को देखा नहीं है। और मजे की बात यह है कि हर महीने उनके खाते में वेतन समय से पहुंच जाता है। जबकि किसी के विदेश में होने, कोई कारोबार पर पूरा समय दे रहा है। कई बार ऐसी शिकायतें मिलने के बाद उच्चाधिकारियों द्वारा ऐसे शिक्षकों की सेवा समाप्ति की संस्तुति हो चुकी है। लेकिन हर बार की तरह जिला स्तर के अधिकारी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं शिक्षकों के गायब रहने से स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि झांसी में मार्च 2023 में एडी बेसिक अरुण कुमार ने स्कूलों का निरीक्षण किया था, तो कई शिक्षक ऐसे मिले थे, जो सालों से स्कूल ही नहीं पहुंचे। इस पर एडी बेसिक ने बीएसए को निर्देश देकर शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस देने के लिए कहा गया था। साथ ही सेवा समाप्ति करने की संस्तुति भी की थी। मगर बीएसए और उनके विभाग के अधिकारियों ने अभी तक कुछ नहीं किया। विभागीय अधिकारियों ने तो शिक्षकों को नोटिस ही नहीं भेजे, जबकि हर महीने वेतन पूरा जा रहा है। अधिकारियों और शिक्षकों की मिलीभगत से शिक्षा विभाग में बड़ा खेल चल रहा है।
अवैतनिक अवकाश से लौटी नहीं शिक्षिका
मोंठ ब्लॉक के परिषदीय विद्यालय की शिक्षिका रश्मि गुप्ता पिछले पांच साल से विद्यालय नहीं जा रही हैं। निरीक्षण के दौरान अनुपस्थिति रजिस्टर में उनका दो साल का अवैतनिक अवकाश पाया गया, लेकिन वह भी समाप्त हो चुका था। शिक्षिका कहां है, इसकी विभाग को भी जानकारी नहीं है।
विदेश में हैं शिक्षिका, नाम चल रहा स्कूल में
चिरगांव ब्लॉक में नियुक्त शिक्षिका रिचा लिटौरिया लगभग चार साल से विद्यालय नहीं जा रही हैं। उनके सहकर्मियों के अनुसार वे विदेश में रह रहीं हैं। लेकिन स्कूल में उनका नाम शिक्षिकाओं की सूची में चल रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।
सोशल मीडिया पर सक्रिय लेकिन स्कूल पहुंचने का नहीं है समय
बबीना ब्लॉक की शिक्षिका प्रतिष्ठा भास्कर पिछले तीन साल से विद्यालय नहीं आई हैं। वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आए दिन जगह-जगह घूमने के फोटो डालती रहती हैं। सूत्रों की माने तो वे विदेश में रहती हैं, लेकिन स्कूल नहीं आतीं।
कारोबारी शिक्षक डेढ़ साल से नहीं पहुंचे स्कूल
बंगरा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक दीपक सोनी को निरीक्षण के दौरान डेढ़ साल से अनुपस्थित पाया था। हालांकि उनके सहकर्मियों का कहना है कि वे प्रतिष्ठित व्यापारी हैं। वहीं शिक्षाधिकारी भी अब तक उन पर कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी कर रहे मनमानी - बीएसए
मामले में बीएसए नीलम यादव का कहना है कि एडी बेसिक के निर्देश के बाद खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों से गायब शिक्षकों को नोटिस भेजने के लिए कहा गया था। साथ ही स्कूलों से गायब शिक्षकों की सूची मांगी गई थी। मगर खंड शिक्षा अधिकारियों ने कोई सूची और नोटिस भेजने की जानकारी नहीं दी है।
इनका कहना है
ऐसे शिक्षक जो स्कूल नहीं आ रहे हैं, उनकी सेवा समाप्त कर दी जानी चाहिए। उन शिक्षकों को तीन कारण बताओ नोटिस दिए जाएं। उनके जवाब के आधार पर उनकी सेवा समाप्त कर दी जानी चाहिए। मैंने भी कुछ शिक्षकों की सेवा समाप्ति की संस्तुति बीएसए को की थी, लेकिन उस पर अब तक कोई कार्रवाई हुई नहीं है। मामले में अब बीएसए को नोटिस जारी किया जाएा। - अरुण कुमार शुक्ल, एडी बेसिक