तेरहवीं खाने से मांओं का दूध दूषित, 37 बच्चे बीमार

दूध, दही, पनीर बेचने वाले सेठ की दुकान दो दिन से बंद, पहले भी मिलावट पकड़ी

Update: 2023-10-31 21:03 GMT

 झांसी। झांसी के तेरहवीं कांड में अब 37 मासूम बच्चे भी बीमारी की चपेट में आ गए हैं। जिनकी उम्र 2 साल से कम है। उन्होंने तेरहवीं का खाना नहीं खाया। मगर उनकी माताओं ने तेरहवीं में भोजन किया था। इससे माताओं का दूध भी दूषित हो गया। यह दूध पीने से मासूमों की शामत आई है। फिलहाल उनको माताओं के साथ अस्पतालों में एडमिट किया गया है। डॉक्टरों ने एहतियात के तौर पर उनको स्तनपान कराने के लिए भी मना किया गया है। इधर, खाना खाकर एक हजार से अधिक ग्रामीणों के बीमार होने की घटना का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से बात की है। ब्रजेश पाठक ने झांसी सीएमओ से फोन पर पूरी जानकारी ली है। फिर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर रिपोर्ट तलब की है।

खाना-मिठाई के लिए 10 नमूने

बरौदा गांव में पूर्व प्रधान लाखन सिंह राजपूत के पिता भगवान दास की 27 अक्टूबर को तेरहवीं थी। खाद्य विभाग की टीम दो दिन से पूर्व प्रधान के घर से नमूने कलेक्ट कर रही है। विभाग के अभिहित अधिकारी चितरंजन कुमार ने बताया कि मटर पनीर, मिक्स वेज की सब्जी, इमरती, पूड़ी, बूंदी का लड्डू, छैना रसगुल्ला, खोया की बर्फी, खोया का लड्डू, दही और रिफाइंड सोयाबीन तेल के नमूने लिए हैं।

सेठ की दुकान दो दिन से बंद

पता चला है कि पनीर, दही और दूध मोठ के एक सेठ की दुकान से आया था। लोगों के बीमार होने के बाद सेठ दुकान बंद करके भाग गया। रविवार और सोमवार को टीम नमूने लेने पहुंची तो दुकान बंद मिली। इस दुकान के पहले भी नमूने फेल हो चुके हैं। दो बार दुकानदार पर जुर्माना लग चुका है। अब कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अंत तक नमूने भरे जाएंगे।

जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम ने मरीजों का जाना हालचाल

ग्राम बरौदा में त्रयोदशी में हुई फूड पॉइजनिंग के मरिजों का हाल चाल जानने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर वहां चल रहे स्वास्थ्य की जानकारी ली। संबंधित डॉक्टर व जिलाधिकारी प्रधानाचार्य सीएमओ से वार्ता कर अच्छे से अच्छे इलाज को निर्देशित किया।

मरीजों से मेडिकल कॉलेज फुल

तेरहवीं में भोजन करने के बाद बीमार पड़ने वाले ग्रामीणों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गांवों से मरीजों को सीधे मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा था। यहां खाने से बीमार हुए करीब 273 मरीजों को भर्ती करवाया गया है। इससे मेडिकल कॉलेज भी फुल हो गया। हालत ये हो गए कि एक बेड पर दो-दे मरीजों को लिटाकर इलाज किया जा रहा है। ऐसे में अब मरीजों को जिला अस्पताल भेजा जा रहा है।

3 हजार लोग थे आमंत्रित

लाखन सिंह राजपूत बरौदा गांव के पूर्व प्रधान हैं। उनके पिता भगवान दास की मौत हो गई थी, जिनकी तेरहवीं 27 मार्च को थी। इसमें कुल 3 हजार लोग आमंत्रित थे। पूर्व प्रधान का कहना है कि शाम 4 बजे से खाना स्टार्ट हो गया था। जिन लोगों ने शाम 4 से शाम 7 बजे तक खाना खाया, वे लोग बीमार नहीं हुए। 7 बजे के बाद खाना खाने वाले लोग बीमार पड़ गए। इसकी अच्छे से जांच होनी चाहिए। ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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