खोजी डॉगी यूली ने झांसी पुलिस को कहा अलविदा

Update: 2023-08-31 20:42 GMT

झांसी। महानगर में खोजी डॉगी रानी उर्फ यूली ने झांसी पुलिस को अलविदा कह दिया। लंबी बीमारी के चलते उसकी मथुरा के वैटनरी मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। 11 साल की ड्यूटी में ट्रैकर यूली ने 40 से अधिक जटिल मामलों के खुलासे में अहम भूमिका निभाई। पिछले साल ही 11 साल के बच्चे के अंधे कत्ल में कातिलों को भी पकड़ लिया था। इसके बाद एसएसपी ने यूली को सम्मानित किया था। पुलिस ने यूली के शव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया।

तीन बार कातिल के ऊपर चढ़ी यूली

23 जनवरी 2023 को रक्सा थाना क्षेत्र के गागौनी गांव में रजनी पाल (33) का शव खेत में मिला था। उसकी रस्सी से गला घोंटकर हत्या की गई थी। जब केयर टेकर ने यूली को खोला तो वह सूंघते हुए पति सूरजभान के पास पहुंचा और ऊपर चढ़ने लगा। तीन बार पति को अलग-अलग स्थानों पर खड़ा किया गया। तीनों बार डॉगी सूंघते हुए पति के ऊपर ही चढ़ा। शक होने पर पुलिस ने पूछताछ की तो उसने पत्नी की हत्या कबूल कर ली थी।

14 माह में दोनों खोजी डॉगी की मौत

31 मई 2022 को लूसी की तबीयत बिगड़ गई थी। तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद झांसी, ललितपुर और जालौन का दामोदार यूली के ऊपर आ गया था। यूली ने कई केस सॉल्व भी किए। लूसी की मौत के बाद यूली बीमार रहने लगी थी। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए मथुरा स्थित वैटनरी कॉलेज भेजा गया था। वहां उसकी मौत हो गई। यूली झांसी पुलिस के पास आखिरी प्रशिक्षित श्वान था।

एसएसपी ने किया था यूली को सम्मानित

6 जुलाई 2022 को लहचूरा थाना क्षेत्र के खंदरका गांव में संतराम यादव का 11 साल का बेटा सुमित लापता हो गया। शाम को घर के बगल में खंडरनुमा कमरे में कंडा, लकड़ियों और अनाज की बोरियों के नीचे दबा बच्चे का शव मिला। पास में खून से सना चारपाई का पाया पड़ा था। कातिल के बारे में पता नहीं चल रहा था। तब खोजी डॉगी यूली को बुलाया गया। खून से सना पाया सुंघाने पर यूली भीड़ में मौजूद गांव के राघवेंद्र राजपूत और नाबालिग के ऊपर चढ़ गई। दोनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि दोनों ने रवि श्रीवास और जितेंद्र दुबे के साथ मिलकर हत्या की थी। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार किया था। बाद में एसएसपी ने यूली को सम्मानित किया था।

झांसी पुलिस को मिले थे दो खोजी डॉगी

हैदराबाद से साल 2012 में जर्मन शेफर्ड ब्रीड की लूसी उर्फ क्यूनी और यूली उर्फ रानी को खरीदा गया था। तब उनकी उम्र 3 से 4 महीने की थी। फिर मध्यप्रदेश के टेकनपुर स्थित राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केंद्र में 9 महीने का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें खासकर मानव गंध का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद से दोनों झांसी पुलिस के सिपाही थे। दोनों ने मिलकर झांसी, ललितपुर और जालौन में कई केस सॉल्व करने में पुलिस की मदद की।

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