गोरखपुर में श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ, मुख्यमंत्री ने कहा- मानवता के दिग्दर्शन और साक्षात धर्म हैं श्रीराम

Update: 2022-09-07 13:08 GMT

 गोरखपुर। गोमुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का पावन जीवन चरित्र समूची मानवता के लिए दिग्दर्शन है। प्रेरणा एवं प्रकाश है। भगवान श्रीराम साक्षात धर्म हैं। उनके जीवन से हमें विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा मिलती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 53वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर कहा कि धर्म की व्याख्या को लेकर विद्वानों में कुछ मतभेद हो सकता है, लेकिन अलग-अलग व्याख्याओं में धर्म के जिताने भी गुण बताए गए हैं वे सभी भगवान श्रीराम के चरित्र में समाहित हैं। यही वजह है कि जिसने भी भगवान श्रीराम की कथा सुनी, उसके जीवन की सभी व्यथा दूर हुई। उसे भवसागर से मुक्ति मिली। सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ। यह सौभाग्य का विषय है कि यहां श्रीराम कथा श्रवण का आनंद प्राप्त होने जा रहा है।

गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वर्तमान पीढ़ी का सौभाग्य है कि वह श्रीराम कथा श्रवण माध्यम से उस दौर में जुड़ रहे हैं, जब श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर शुरू है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों के लंबे इंतजार में कई पीढियां चली गईं, लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया।उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर का निर्माण अपनी विरासत के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित करने का भी माध्यम है। अपनी विरासत व महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के ही लिए गोरखनाथ मंदिर में प्रति वर्ष ब्रह्मलीन आचार्यों की पुण्य स्मृति में कथा का आयोजन होता है। वार्षिक कथा के श्रवण के लिए श्रद्धालुओं को उत्सुकता से इंतजार रहता है। इस अवसर पर उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के श्रीचरणों में नमन कर अपनी श्रद्धा निवेदित की।

मुख्यमंत्री के संबोधन के उपरांत श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज (पीठाधीश्वर, अशर्फी भवन अयोध्या) ने कराया। इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, स्वामी अनंताचार्य, महंत शेरनाथ, संत अवधेश दास, सतुआ बाबा समेत बड़ी संख्या में संतजन, यजमान व श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सुनाई जाएगी। इसका विराम हवन एवं भंडारे के साथ 13 सितंबर को होगा। श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ से पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मुख्य मंदिर से कथा स्थल तक बैंडबाजे, शंख ध्वनि की गूंज तथा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर गोरक्षपीठाधीश्वर ने अखंड ज्योति स्थापित की।सात दिन तक आयोजित होने वाले व्याख्यान में बतौर अतिथि देश भर के संत व महंत मौजूद रहेंगे। इनकी मौजूदगी इस आयोजन को श्रद्धा व भक्ति से ओतप्रोत करेगी।

इनकी रहेगी उपस्थिति 

व्याख्यान में जिन संतों व महंतो की उपस्थिति रहेगी, उनमें शेरनाथ, शिवनाथ, दासलाल योगाचार्य, सुरेश दास, राममिलन दास, गंगा दास, राघवाचार्य, अवधेश दास, वासुदेवाचार्य, राजू दास, नारायण गिरि, गोपालदास, सुरेंद्र नाथ, स्वामी विद्या चैतन्य, बालकनाथ, राम दिनेशाचार्य, विश्वेश प्रपन्नाचार्य, रामविलास वेदांती आदि शामिल हैं। व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि विषय पर इन संतों-महंतों का भी संबोधन होगा।

व्याख्यानमाला गुरुवार से 

व्याख्यान की शुरुआत आठ सितंबर से होगी। व्याख्यान दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे से प्रारंभ होगी। 13 सितंबर को महंत दिग्विजयनाथ की श्रद्धांजलि सभा और 14 सितंबर को महंत अवेद्यनाथ की श्रद्धांजलि सभा के साथ समारोह का समापन होगा। इस बीच अलग-अलग दिन विभिन्न सम-सामयिक विषयों पर व्याख्यान का आयोजन होगा। अलग-अलग दिन व्याख्यान के अलग-अलग वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। पहले से ही इनके लिए विषय तय कर दिए गए हैं।

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