भाभी का इलाज कराने के लिए देवर ने मंदिर से चुराए थे आभूषण
चोर ने दिखाई ईमानदारी, 35 हजार की जरूरत थी, उतने ही गहने चुराए
झांसी। मोंठ थाना क्षेत्र में एक चोर की अजीबो-गरीब कहानी सामने आई है। यहां पर एक युवक अपनी भाभी के इलाज के लिए चोर बन गया। उसने पड़ोस के मंदिर में चोरी की। उसे 35 हजार रुपए की जरूरत थी, तो उतनी ही कीमत के गहने चुराए। मंदिर में सोने के भी गहने रखे थे, लेकिन उसने वे गहने चोरी नहीं किए।
इधर पूरी घटना मंदिर के बाहर लगे सीसी कैमरे में कैद हो गई। इसके आधार पर पुलिस ने बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर चोरी के गहने बरामद किए हैं। चोरी से पहले रंजीत 6 सितंबर की शाम को मंदिर गया था। वहां प्रसाद लिया और भगवान से प्रार्थना करते हुए कहा कि आज तेरे घर पर चोरी करुंगा। दूसरी जगह चोरी करने से अच्छा है, जितने पैसों जरूरत है आप ही दे दो। चोरी के बाद उसने अपने घर के तलघर में गहनों को गाड़ दिया था। अब उसे गहने पिघलकर बेचना था। लेकिन उससे पहले ही वह पकड़ा गया।
25 मिनट में कर ली थी चोरी
एसपी ग्रामीण गोपीनाथ सोनी ने बताया कि मोठ कस्बे के मुरली मनोहर मंदिर में चोरी हुई थी। चोर दो छत्र, दो मुकुट, एक कुंडल समेत अन्य गहने चुराकर ले गए थे। मंदिर के आसपास सीसीटीवी कैमरों की जांच की। सामने आया कि मंदिर के पास रहने वाला रंजीत ताम्रकार (35) पुत्र लालाराम रात 12:40 बजे घर से मंदिर आया। फिर चोरी कर 1:15 बजे वापस घर चला गया। तभी से रंजीत की तलाश कर रहे थे। बुधवार को उसे मोंठ बाइपास से गिरफ्तार कर गहने बरामद किए गए।
रंजीत ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने 10 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज पर पैसा लेकर कपड़ों की दुकान खोली थी। ब्याज इतना था कि, धीरे-धीरे पूरी दुकान का माल ब्याज में चला गया। दुकान बंद हो गई। पिता की भी मौत हो गई। इसके बाद भाभी को पैरालिसिस हो गया। बूढी मां भी बीमार रहने लगी। भाभी के इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी। कहीं और चोरी करता, सोचा भगवान से ही मांग लेता हूं। 35 हजार रुपए की जरूरत थी, तो मंदिर से उतने ही कीमत के गहने चुराए थे। लेकिन, गहने बेचने से पहले ही पकड़ा गया।