झांसी। नवरात्रि के सातवें दिन खटकयाना मोहल्ला स्थित प्राचीन काली माता के मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तातां लगा रहा। शनिवार को माता को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया। आज माता का अभिषेक, भव्य श्रंगार और 11 हजार बत्तियों से महाआरती की गई। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं द्वारा भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा।
वहीं माता के दरबार के प्रधान पुजारी पं. अमरजीत पाण्डेय शास्त्री ने बताया कि शहर के बीचों-बीच खटकयाना मोहल्ला में मां काली का एक प्राचीन मंदिर खटीक समाज की श्रद्धा का केन्द्र है। मंदिर पर खटीक समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी पूजन-अर्चन को पंहुचते है। मंदिर के स्वरुप को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि मंदिर दो-तीन शताब्दी से पहले का है। मंदिर पर सच्चे मन से मांगी गई मुरादें मां काली अवश्य पूरा करती हैं, ऐसा भक्तों का मनाना है। शहर क्षेत्र के नरिया बाजार के पास स्थित है खटकयाना मोहल्ला। इस खटकयाना में बना है एक प्राचीन सिद्धपीठ माता महाकाली ललिताम्बिका मां का मंदिर है। मंदिर में काले पाषाण की बनी मां काली की प्रतीमा स्थापित है।
खटीक समाज लोगों ने बताया कि लगभग पहले मंदिर के अंदर मां काली की प्रतिमा समाज के बुजुर्गों ने की थी। इसके बाद मंदिर की मरम्मद आदि का कार्य कराया गया। मंदिर में स्थापित मां काली की प्रतिमा समाज के लोगों में भारी श्रद्धा है। यहां मांगी गई मुराद अवश्य पूरी होती है। लगभग 120 सालों से दोनों पहर पूजन अर्चन का क्रम चला आ रहा है। दिन की देखरेख का जिम्मा सकल पंच खटीक समाज का है। मंदिर रास्ता पचकुंइया से नरिया बाजार होकर जाता है। शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं के साथ-साथ मुख्य रूप से लक्ष्मण ठगेले, सोहन खटीक, अशोक सोनी, लक्ष्मण घनघोरिया, विनित खटीक, संतोष खटीक आदि लोग उपस्थित रहे।