Naxalite Chalpati Story: कौन था एक करोड़ का इनामी नक्सली जयराम? 10 बॉडीगार्ड घुमते थे साथ; दो राज्यों में फैलाया था आतंक
Naxalite Jairam Story : रायपुर। छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित इलाके गरियाबंद जिले में नक्सलियों और सुरक्षा जवानों के बीच हुई मुठभेड़ में अब 20 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। मारे गए नक्सलियों में एक माओवादी की पहचान एक करोड़ के इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपती के रूप में हुई। नक्सली चलपति का आतंक दो राज्यों में था। चलपति 10 से 12 बॉडीगार्ड्स को अपने साथ लेकर घूमता था। जानकारी के अनुसार, इस मुठभेड़ में नक्सली जयराम उर्फ चलपती के अलावा गुड्डू, मोहन जैसे खूंखार नक्सली भी मारे गए है। आइए जानते हैं दो राज्यों में आतंक फैलाने वाले नक्सली चलपति के बारे में...।
कौन था खूंखार इनामी नक्सली चलपति
खूंखार माओवादी चलपति नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी का मेंबर था। इसके ऊपर सरकार ने एक करोड़ रुपए का इनाम घोषित है। इनामी चलपति का असली नाम जयाराम रेड्डी था, उसे संगठन में रामचंद्र रेड्डी अप्पाराव या रामू के नाम से भी जाना जाता था। आंध्र प्रदेश के चिंत्तूर जिले के माटेमपल्ली गांव के रहने वाले रेड्डी ने केवल 10वीं तक पढ़ाई की, लेकिन सेंट्रल कमेटी का मेंबर बना।
इनामी नक्सली चलपति आमतौर पर बस्तर के अबूझमाड़ के जंगलों में सक्रिय था, लेकिन जवानों के लगातार नक्सल विरोधी अभियानों की वजह से चलपति ने अपना ठिकाना बदल लिया था। बताया जा रहा है कि, 60 साल का चलपति हर वक्त AK-47 और SLR जैसी आधुनिक हथियार से लैस रहता था, उसकी सुरक्षा में 8 से 10 गार्ड हमेशा तैनात रहते थे।
जवानों के लिया बड़ा खतरा था नक्सली चलपति
अबूझमाड़ में लगातार नक्सल विरोधी अभियान और जवानों के कैंप की वजह से चलपति ने अपना नया ठिकाना गरियाबंद-ओडिशा बॉर्डर को बना लिया था। यह कदम माओवादी संगठन ने चलपति की सुरक्षा को देखते हुए उठाया था।
दरअसल, चलपति नक्सली संगठन का फ्रंटलाइन लीडर था। चलपति ने संगठन की रणनीतियों को बनाने और नीतियों के संचालन करने में अहम भूमिका निभाई थी। चलपति के नेतृत्व में नक्सलियों ने कई बड़े हमले को भी अंजाम दिया।
चलपति की रणनीतिक कुशलता, नेतृत्व क्षमता और संसाधनों को जुटाने की क्षमता ने उसे माओवादियों का अहम चेहरा बना दिया। उसे सुरक्षा बलों के लिए भी एक बड़ा खतरा माना जाता था इसलिए उसकी सूचना देने पर 1 करोड़ रुपए का भारी भरकम इनाम रखा गया था। चलपति नक्सलियों के सबसे कुख्यात और वांछित नेताओं में शुमार था।
चलपति की शादी के बाद संगठन ने कर दिया था डिमोट
संगठन में रहते हुए चलपति ने अपने से बहुत ही कम उम्र की छोटे कैडर अरुणा से शादी की थी। इसके बाद संगठन के नेताओं ने उसे डिमोट कर दिया था।लेकिन नक्सली संगठन की आईडियोलॉजी और उसकी भूमिका को देखते हुए फिर से उसे केंद्रीय कमेटी का सदस्य बनाया गया था। छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी संगठन के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका में रखा गया था।
दोनों राज्यों के लिए बड़ी सफलता
खूंखार नक्सली चलपति की गिनती देश के बेहद खतरनाक नक्सली कमांडरों में होती थी। सुरक्षाबलों पर किये गए कई नक्सली हमलों में चलपति शामिल रहा है।ओड़िशा और छत्तीसगढ़ में ये बेहद सक्रिय था। दोनों राज्यों इस नक्सली को मोस्टवांटेंड की सूची में रखा था।
नक्सली चलपति कई बड़े हमलो का मास्टर माइंड रहा है। ओडिशा सहित छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन की मजबूती के लिए काम करता था। बड़ा साजिशकर्ता भी रहा है। इसने अपने संगठन में कई लड़कों को शामिल करवाया है।
अब चलपति का एन्काउंटर हो गया है। इसे दोनों राज्यों की पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। इसे लेकर गृह मंत्री अमित शाह और सीएम साय समेत अन्य नेताओं ने बधाई दी है।
कई भाषा और बोलियां बोलता था
एक करोड़ के इनामी नक्सली चलपति के पास एके 47 हथियार, मोबाइल, टेबलेट, कंप्यूटर, रेडियो था। वर्तमान में चलपति ज्यादातर एसजेडसी-जयराम के साथ भालूडिग्गी, सोनाबेडा एरिया में घूमता था। चलपति भले ही आंध्र प्रदेश का रहने वाला था और उसे कई भाषा और बोलियां बोलनी आती थी। वह गोंडी, छत्तीसगढ़ी, हिन्दी, तेलगु और ओडिया भाषा जानता था।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने साय सरकार की लगातार कार्रवाई जारी है। विष्णुदेव सरकार में 1 साल में 260 से अधिक नक्सली मारे गए हैं। 870 से अधिक ने आत्मसमर्पण किया है और 1000 से अधिक गिरफ्तार किए गए हैं।