ट्रूडो का इस्तीफा और ट्रंप का प्रस्ताव: अमेरिका का 51 वां राज्य बनेगा कनाडा! ट्रंप के ऑफर को कितना सीरियस लेगा ओटावा
वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक विवादित बयान देते हुए कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की पेशकश की। यह सुझाव कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के इस्तीफे के तुरंत बाद आया, जिसने दुनियाभर में हलचल मचा दी। ट्रंप ने इस विचार को कई बार सोशल मीडिया पर भी साझा किया है और इसके पीछे अपनी आर्थिक और रणनीतिक सोच को भी रखा है।
ट्रूडो का इस्तीफा और ट्रंप का प्रस्ताव
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को इस्तीफा देने की घोषणा की। उनकी लिबरल पार्टी ने उन पर दबाव डाला था, खासकर इस साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए। ट्रूडो ने कहा कि वह तब तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे जब तक पार्टी नया नेता नहीं चुन लेती। इस बीच, ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका में विलय करने की अपनी इच्छा फिर से जताई, जो उन्होंने मार्च में अपनी चुनावी जीत के बाद पहली बार प्रकट की थी।
कनाडा का अमेरिका में विलय
डोनाल्ड ट्रंप ने इस प्रस्ताव को अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'ट्रुथ सोशल' (Truth Social) पर साझा करते हुए कहा, "कनाडा में बहुत से लोग 51वां राज्य बनना पसंद करेंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका अब बड़े पैमाने पर व्यापार घाटे और सब्सिडी को सहन नहीं कर सकता है, जिन्हें कनाडा को बचाए रखने के लिए आवश्यकता है।" ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर कनाडा का विलय अमेरिका में होता है, तो कोई टैरिफ नहीं होंगे, कर कम हो जाएंगे, और कनाडा को रूस और चीन जैसे देशों के जहाजों से खतरा भी नहीं रहेगा।
कनाडा पर दबाव और ट्रंप की धमकी
हालांकि कनाडा की ओर से ट्रंप के प्रस्ताव पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर कनाडा अपनी दक्षिणी सीमा से अवैध दवाओं और अवैध प्रवासियों को रोकने में नाकाम रहता है, तो वह कनाडाई आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा सकते हैं। ट्रंप ने इसके साथ ही मजाक करते हुए जस्टिन ट्रूडो को "कनाडा के महान राज्य के गवर्नर" के रूप में भी चिढ़ाया।
क्या कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बनेगा?
यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि क्या कनाडा वास्तव में अमेरिका का 51वां राज्य बनेगा या नहीं। ट्रंप का यह बयान राजनीति के एक नए मोड़ को दिखाता है, जहां केवल आर्थिक नफे-नुकसान के बजाय एक बड़े रणनीतिक खेल की बातें हो रही हैं। कनाडा और अमेरिका के संबंधों के लिहाज से यह कदम एक ऐतिहासिक बदलाव हो सकता है, लेकिन कनाडा की सरकार और जनता की सहमति के बिना इसे साकार करना कठिन होगा।