Badlapur Molestation Case: बदलापुर बच्चियों से छेड़छाड़ मामले में स्कूल चेयरमैन और सचिव की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

Bombay High Court
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Badlapur Molestation Case : महाराष्ट्र। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को बदलापुर स्कूल के अध्यक्ष और सचिव को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा ने यह आदेश दिया है। दरअसल दोनों आरोपियों ने सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में जमानत की याचिका दायर की थी। बता दें कल्याण के सत्र न्यायाधीश ने 10 सितंबर को उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

गवाहों पर डाल सकते हैं दबाव

सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, "यह देखते हुए कि पीड़ित नाबालिग हैं, घटना का उनके किशोरावस्था के वर्षों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, जो लंबे समय तक चलने वाले और अपूरणीय मनोवैज्ञानिक निशान छोड़ जाएगा। संभावना है कि आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और स्कूल कर्मचारी गवाहों पर भी दबाव बना सकते हैं।

न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की एकल पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह दिखाने के लिए सामग्री मौजूद है कि दोनों आरोपियों को 16 अगस्त से पहले घटना के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने पुलिस या स्थानीय प्राधिकरण को इसकी सूचना देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि यौन उत्पीड़न मामले में देरी "मुख्य रूप से आवेदकों की लापरवाही के कारण हुई, जिसके कारण केवल वे ही जानते हैं।"

हाई कोर्ट ने आगे कहा कि, पीड़ितों के माता-पिता ने अपनी शिकायतें कक्षा शिक्षक और अन्य स्टाफ सदस्यों को बताई थीं। आवेदक 16 अगस्त से पहले घटना के बारे में जानते थे। जानकारी होने के बावजूद उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना नहीं दी ।

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर कस्बे में एक स्कूल के शौचालय के अंदर चार और पांच साल की दो लड़कियों के साथ एक पुरुष परिचारक ने यौन उत्पीड़न किया। आरोपी अक्षय शिंदे को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। 23 सितंबर को पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मारा गया।

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