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लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा तैयार, कांग्रेस-बसपा में असमंजस बरकरार
भिंड। बेशक अभी लोकसभा चुनाव का बिगुल न बजा हो। पर भारतीय जनता पार्टी 370 संया को पार करने के लिए पूरी दमखम से जुट गई है। मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत का लक्ष्य रखने वाली प्रदेश भाजपा के रणनीतिकारों ने प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में जमावट शुरू कर दी ह।ै जिसमें भिण्ड-दतिया संसदीय क्षेत्र सबसे आगे है। शायद मध्यप्रदेश का यह पहला लोकसभा क्षेत्र होगा। जहां प्रत्याशी के नाम और चुनाव की घोषणा से पहले ही कमल को उमीदवार मानकर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव कार्यालयों के उद्घाटन हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी का उमीदवार कौन होगा? इसको लेकर जनता और राजनीतिक गलियारों में बेशक चर्चाओं का बाजार गर्म हो। पर पार्टी संगठन उमीदवार के चयन की चिंता छोड़ पूरी दमखम से चुनाव अभियान में जुट गया है।
लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी, संयोजक एवं जिलाध्यक्ष की तिकड़ी निरंतर संपर्क अभियान में जुटी है। लोगों को ताज्जुव यह हो रहा है कि उमीदवार के नाम की घोषणा किए बिना चुनाव कार्यालयों का संचालन कैसे संभव होगा? उसकी वजह निश्चित रूप कार्यालय संचालन के लिए धन व जन दोनों पूंजी की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति कैसे हो रही है? जिनको यह चिंता है उनको भाजपा की कार्यशेली पर शोध अवश्य करना चाहिए तभी उनकी शंका का समाधान संभव है। लोकसभा चुनाव सिर पर है और कांग्रेस न्याय यात्रा की व्यवस्थाओं के लिए धनी कार्यकर्ताओं की खोज में जुटी है। स्थिति यह है कि कांग्रेस के जिन जमीनी कार्यकर्ताओं ने अपना पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित किया। पर आज उनके पास नेता के होर्डिंग- बैनर लगाने की आर्थिक क्षमता नहीं है तो उनको उपेक्षित और दरकिनार होना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि जो कांग्रेस का वोट बैंक हुआ करता था वह अब पंजे से खिसक रहा है।
कांग्रेस संगठन इतना जेबी हो चुका है कि वह भाजपा की तरह हाथ के पंजे को उमीदवार बनाकर चुनाव लडऩे की स्थिति में नही है। इसके साथ ही कांग्रेस से टिकट चाहने वालों की चाह भी कम हुई है। पिछले लोकसभा चुनाव में भिण्ड-दतिया संसदीय क्षेत्र से नए चेहरे को बसपा से कांग्रेस में लाकर चुनाव मैदान में उतारा गया था। इस बार कांग्रेस का उमीदवार कौन होगा? यह तय नहीं होने से चुनाव को लेकर कांग्रेस की सक्रियता में नीरसता दिख रही है। भिण्ड-दतिया लोकसभा सीट पर बसपा का प्रभाव वर्ष 1989 से बढ़ा है। यहां बसपा एक-दो चुनाव को छोड़कर दूसरे स्थान पर भाजपा को टक्कर देती रही है। केदारनाथ कुशहवा (काछी) ने बसपा के उमीदवार के रूप में भाजपा के दांत खट्टे किए। पर अब वे भाजपा में हैं और कुछ बसपा नेता कांग्रेस में पहुंच चुके हैं। जिसके चलते बसपा का अस्तित्व कम होने से अब उसके पास उमीदवार का टोटा भी है। उधर बसपा दान दक्षिणा के बिना टिकट देती नहीं है। इधर वोट बैंक कम होने से खरीददार उमीदवार भी कम हो गए हैं।
कमल के फूल को हर बूथ पर जिताने की तैयारी में जुटी है भाजपा: देवेन्द्र
भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र नरवरिया से लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर चर्चा हुई। उनका कहना है कि पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता कमल के फूल को उमीदवार मानकर अपने-अपने बूथ पर कमर कसकर 370 पार करने को तैयार है। लोकसभा क्षेत्र में लाभार्थी समेलन, गांव चलो अभियान एवं मातृशति आदि कार्यक्रम निरंतर जारी हैं। भाजपा कार्यकर्ता व वरिष्ठ नेता रात्रि में गांव में रुके और ग्रामीणजनों की समस्याओं को जाना। इससे कार्यकर्ताओं का आत्मबल बढ़ा है। पूरे लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा स्तर पर चुनाव कार्यालय का उद्घाटन हो चुका है। भिण्ड-दतिया सीट से उमीदवार चाहे जो हो, कमल की जीत सुनिश्चित है।
राहुल गांधी की न्याय यात्रा से बढ़ेगा कांग्रेस का वोट: मानसिंह
कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष मानसिंह कुशवाहा से लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। उनका कहना है कि उनके वरिष्ठ नेताओं ने उमीदवार पैनल बना लिए हैं।शीघ्र ही उमीदवारों की सूची आ जाएगी। जिसमें भिण्ड-दतिया के उमीदवार का भी नाम होगा। फिलहाल पूरा कांग्रेस संगठन राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारियों में लगा है। उन्हें उमीद है कि इस न्याय यात्रा से कांग्रेस का ग्वालियर-चंबल में वोट प्रतिशत बढ़ेगा। उनका कहना है कि बेशक कांग्रेस विधानसभा में चुनाव हारी है। पर कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है। जिसका फायदा लोकसभा में मिलेगा।
पार्टी जिसे तय करेगी उसके लिए काम करेंगे: मेघसिंह
बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष मेघसिंह नरवरिया से लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी पूरे समय सक्रिय रहती है। पार्टी के सांसद लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बैठक कर चुके हैं। पार्टी जो उमीदवार तय करेगी हम उसके लिए काम करेंगे।