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कांग्रेस में विरोधी स्वर, गोहद से हिंडोलिया लाए सपा से टिकट
ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। ग्वालियर-चंबल संभाग में टिकट वितरण से दुखी कांग्रेस नेता विरोध पर उतर आए हैं। अभी तक भांडेर और डबरा के टिकटों से नाराज पूर्व मंत्री महेन्द्र बौद्ध और सत्यप्रकाशी परसेडिय़ा के विरोध के स्वर सुनाई दिए थे। इसके बाद अब भिण्ड जिले के गोहद विधानसभा से टिकट न मिलने से नाराज जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिंडोलिया ने कांग्रेस से नाता तोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होकर वहां से टिकट प्राप्त कर लिया है। हिंडोलिया पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविन्द सिंह के बेहद नजदीकी रहे हैं। हिंडोलिया के पाला बदलने पर भिण्ड जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयश्रीराम बघेल ने उन्हें छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित करते हुए प्रस्ताव पीसीसी को भेज दिया है।
स्वदेश से चर्चा करते हुए श्री हिंडोलिया ने बताया कि कांग्रेस ने दो बार गोहद से पराजित मेवाराम जाटव को पुन: टिकट दे दिया। जबकि उनका वहां कोई वजूद नहीं है और विरोध भी बहुत है। ब्लॉक और मंडल स्तर पर नाम ऊपर पहुंचने पर पैनल में लगभग फाइनल होने के बाद मेरा टिकट काट दिया गया। इसके बाद उन्होंने लखनऊ पहुंचकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंट की, जिन्होंने गोहद से सपा से चुनाव लडऩे का रास्ता साफ कर दिया। उधर कांग्रेस अध्यक्ष जयश्रीराम बघेल कहते हैं कि हिंडोलिया को इसलिए डॉ. गोविन्द सिंह समर्थक माना जाता है क्योंकि डॉ. सिंह ने उन्हें अपनी दम पर जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया था। वैसे हिंडोलिया कांग्रेस विचारधारा के नहीं, वे मूलत: एक बीमा एजेंट हैं।
बौद्ध और परसेडिय़ा कर चुकी हैं विरोध
इसके पहले भांडेर से आयातित नेता फूलसिंह बरैया को कांग्रेस का टिकट दिए जाने पूर्व मंत्री महेन्द्र बौद्ध ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ साझा मंच पर ही यह कह दिया कि जिन लोगों ने तिलक, तराजू और तलवार के नाम पर कांग्रेस की खिलाफत की उन्हें ही टिकट दे दिया गया। इसी तरह डबरा से टिकट की इच्छुक बसपा से कांग्रेस में आईं सत्यप्रकाशी परसेडिय़ा ने भी आरोप लगाया कि सर्वे में उनका नाम ऊपर था फिर भी मिलीभगत के चलते इमरती देवी के समधी को टिकट दे दिया गया। इसी तरह दिमनी से रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ोसा और अम्बाह से सत्यप्रकाश सखवार का भी काफी विरोध हो रहा है।