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बीमार दुर्घटना ग्रस्त गौ वंश का उपचार और देखवाल का केंद्र बना मंशापूर्ण गौकुलधाम
भिंड। शहर के बीचोबीच इटावा रोड मंशापूर्ण हनुमान मंदिर की बगल मे एक सरकारी पशु चिकत्सालय का खंडहर की माटी का स्पर्श उन तमाम बीमारों व व्याधियों से घिरे लोगो के लिए वरदान बन रहा है जो हजारो एलाखो खर्च करके भी गंभीर बीमारियो से निजात नही पा सके है पर यहा बीमार दुर्घटना मे घायल गायों के सेवा करके अपने आप मे शूकून महसूस करते हैइसलिए अब यह स्थान किसी तीर्थ धाम की तरह गोकुल धाम का रूप ले चुका है यहा हम यह स्पस्ट कर दे माटी के स्पर्स से तात्पर्य बीमार गायों के सेवा से हैए मिट्टी को छूने से नहीए
मंशापूर्ण गोकुलधाम गौवंश की असहनीय पीढ़ा व उनकी दशा देखकर हर उस इंसान की आंखे द्रवित हो जाती है जिसके अंदर तनिक भी दया भाव है एयहा 60 फीसदी तो एसा गौवंश उपचार के लिए आता है जिसके बचाने की एक फीसदी भी उम्मीद नाही होती है फिर यहा मौजूद गौसेवा संत उनका अंतिम समय तक न केवल उपचार करते है बल्कि कोई व्यक्ति इतनी अच्छी तरह अपने माँ बाप की सेवा या देखवाल न कर पाये जो यह करते है एक बुरी तरह घायल गाय जो पानी या चारा खाने के लिए अपने सिर को उठाने असमर्थ है उसे नियमित पानी पिलाना और चारा खिलाना कितना मुश्किल होगा एयह करने वाला ही जान सकता है इसलिए कर्मी के स्थान पर संत जोड़ा है यह मुश्किल काम संत प्रवरती का ही व्यक्ति कर सकता है गायों को चारा पानी खिलाकर सेवा करना आसान है हालाकी अब लोगो ने यह आसान काम करना भी छोड़ दिया है उसी का परिणाम है कि जिसे हमारी संस्कृति सनातन धर्म मे माता के रूप मे पूजा जाता है उसे अब आबारा पशु की श्रेणी मे गिना जाने लगा है जितनी बेकदरी गौवंश की हुई है उतनी शायद ही प्रकृति के किसी जीव की होए यदि गोकुल धाम मे दुर्घटना से घायल गौवंश पहुचता है तो उसके लिए कही न कही एसे ही लोग जिम्मेदार है जो अपने घर की एक गौमाता की सेवा का भार तक नही उठाते
गोकुल धाम मे गौ वंश के लिए वातानुकूलित है व्यवस्थाए
गोकुल धाम मे जहा उपचार की माकूल व्यवस्थाए है एजिस तरह लोगो को निजी नरसिंग होम मे उपचार की अच्छी सुविधा मिलती है ठीक उसी तरह यहा निराश्रित गौ वंश का उपचार किया जाता है एमहगी दवाइया मेडिकल स्टोर से खरीद कर दान दाता मुहया कराते है यहा गौवंश के वातानुकूलित आवास भी जनसहयोग से तयार किया गया है गर्मी से राहत के लिए कूलर पंखे पर्याप्त मात्रा मे लगाए गए है वही ठंड से वचाव के लिए रूम हीटरो तक की व्यवस्था है जमीन कही पक्की है तो कुछ जगह मुलायम मिट्टी की विछवट की गई है जिसे समय समय पर मिट्टी को बदला भी जाता है
गंभीर बीमारों के लिए बना है प्रथक आई सी यू बार्ड
भिंड के पशु जिला अस्पताल या अन्य किसी सरकारी पशु चिकत्सालय मे आई सी यू या अन्य क्या सुभिधाए रहती है यह तो हमे नही पता और जानने की कोशिश भी नही की लेकिन सेवा भावी संत गौसेवकों के सेवा कार्य को देख कर भिंड के भामाशाहों ने वो सारी सुविधाए गोकुल धाम को उपलब्ध करा दी जो शासन के करोड़ो के बजट खर्च के बाबजूद मुहया नही हो सकती एएक और बात जिस तरह स्वेछिक रूप से यहा नियमित घायल गौवंश की पट्टी व सर्जरी करते है
स्व्च्छता व पोष्टिकता का रखा जाता है विशेस ध्यान
गोकुल धाम परिसर मे स्व्च्छता व गौवंश को पोष्टिक आहार का विशेष ध्यान रखा जाता है यहा दोनों समय गोवर को उठाकर नियमित सफाई का कार्य होता है ताकि बीमार गौवंश को संक्रामण से बचाया जा सकेएसबसे महत्व पूर्ण बात यह है कि सुबह हरा चारा मिलाकर दिया जाता है तो शाम पोष्टिक दाना मिलकर सानी की जाती है इसमे इस बात का विशेस ध्यान रखा जाता है कि यदि आहार खराव हो गया है तो उसे तत्काल बदल दिया जाता है ताकि कमजोर व बीमार गौवंश कुपोषण का शिकार न हो
सेवादारों की रहती है वेकल्पिक व्यवस्थाएं
यदि कोई भी स्वेच्छिक सेवादार कही बाहर जाता है तो अपने स्थान पर अन्य की व्यबस्था करता है अथवा व्यबस्थापक को बताता है कि उसे किसी अन्य को जबाबदारी देना है पचास से अधिक गौवंश को चारा पानी खिलाना आशान कार्य नही है इस काम को यहा कोई वेतनिक नही करता बल्कि ये स्वेच्छिक लोग ही करते है यह सेवा कार्य करके जो सूकून इनको मिलता है शायद वह कितनी भी कीमत को चुकाने पर भी न मिल पाये एमेने एक एसे युवा को गोकुलधाम मे कार्य करते देखा है जो सुबह अपने घर से नाश्ता करके महगाव ट्रेवल्स पर कार्य के लिए निकलता था और वापिश घर जाने के बजाय सीधे गोकुल धाम आता था भीषण गर्मी मे अंदर से भूषा निकालकर पचास गौवंश के लिए सानी बनाता था एसा कोई यह एक युवा नही बल्कि तमाम पढे लिखे नौजवान सेवा करके यहा फक्र महसूस करते है
चलित उपचार सेवा मे अग्रणी है गोकुल धाम
एसा नही है कि गोकुलधाम मे भर्ती गौवंश का उपचार ही किया जाता हो एसोसल मीडिया पर वाटसप पर मंशापूर्ण गोकुल धाम के नाम से ग्रुप है जिस पर यदि कही भी गौवंश के दुर्घटना मे घायल होने की खवर मिलती है तो गोकुल धाम की टीम इतनी तत्परता से घटनास्थल पर प्राथमिक उपचार के लिए पाहुचती है उतनी जल्दी शायद मानव के दुर्घटना होने पर शासन की हंड्रेड गाड़ी भी न पाहुचे एपहले मौके पर प्राथमिक उपचार किया जाता है और गंभीर हालत होने पर किसी बाहन व्यबस्था से गोकुल धाम लाकर उपचार किया जाता है क्योकि खुले अन्य मासाहारी जानवरो द्वारा जिंदा ही खाये जाने का डर रहता है अभी पिछले दिनो भिंड का तापमान 48 डिग्री पार कर गया था मानव निर्मित गर्मी बचाव के सारे यंत्र विफल हो गए थे तब पशु पक्षियो की क्या हालत हुई होगी यह किसी से छिपी नाही है एसे मे एक नंदी गर्मी के कारण बुरी तरह तड़प रहा था उस नंदी की हालत का जेसे ही गोकुलधाम ग्रुप पर फोटो शेयर किया तो पंद्रह मिनट के भीतर टीम नंदी के पास खड़ी उपचार कर रही थी एसा कोई एक उदाहरण नही दिन मे दो चार तो रोज होते है एक बार एक बड़ा नंदी किसी गाव मे अंधे कुए मे चला गया एआजकल गाव मे भी जागरूकता आ गई है तो ग्रामीणो ने भी उसे निकालने के बजाय तत्काल जिलाधीश को फोन घूमा दिया इत्तफाक से उस समय भिंड मे ईलया राजा टी जिलाधीश थे जो 24 घंटे लोकसेवा के लिए उपलब्ध रहते थे उन्होने तत्काल रेस्क्यू टीम भेजी एकोई भी व्यक्ति अपनी जान जोखिम मे डालकर कुए मे प्रवेश को तयार नाही था और इसमे कुछ गलत भी नाही था एसी स्थिति मे गोकुलधाम के विपिन चतुर्वेदी से मदद चाही गई तो वह अपनी जान की परवाह किया बगेर न केवल कुए मे नीचे उतरा बल्कि उस नंदी को जिंदा निकलवाने मे सफल भी हुआ
शहर मे जगह जगह की गौ वंश के लिए पानी के लिए रखवाई टंकिया
भीषण गर्मी मे जहा पेयजल के सारे श्रोत नष्ट होने से बेसहारा गौ वंश व अन्य पशु पक्षियो के लिए पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो जाता है एसे मे वे पानी के लिए दर.दर भटकते है गोकुलधाम टीम ने भिंड शहर व आसपास प्रमुख स्थानो पर सीमेंट के पानी टंकिया रखवाकर स्थानीय लोगो नियमित रूप से भरने की ज़िम्मेदारी सोपी इस व्यवस्था से प्यास से गौवंश को मरने से बचाया गया यही नाही पक्षियो के लिए पेड़ो पर मिट्टी के सकोरे भी टांगे गए तो लोगो घरो की छत पर रखने के लिए वितरित किए गए