केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के खिलाफ सीजेएम की अदालत में मामला दायर
पटना। केन्द्रीय क़ानून मंत्री तथा पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद के खिलाफ पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में गुरुवार को एक आपराधिक मामला दायर किया गया ।
भाजपा कार्यकर्ता संजीव कुमार सिंह ने अपराध दण्ड संहिता की अलग अलग धाराओं के तहत चोरी, लूट, मारपीट सम्बन्धी याचिका दायर की है। याचिका में रविशंकर प्रसाद के अलावा भाजपा विधायक नितिन नवीन, अरुण कुमार सिन्हा तथा भाजपा के पटना महानगर युवा मोर्चा के नेता मनीष कुमार , वरुण कुमार, अंकित झा , अनिश कुमार सिन्हा तथा रविशंकर प्रसाद के निजी सहायक संजीव कुमार सिन्हा को अभियुक्त बनाया गया है ।
उल्लेखनीय है कि पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी घोषित होने की बाद 26 मार्च को रविशंकर के आगमन के अवसर पर पटना के जय प्रकाश नारायण हवाई अड्डा पर कुछ लोगों ने उन्हें काला झंडा दिखाया था और उनके खिलाफ नारेबाजी की थी, जिसके बाद दो गुटों में झड़प और मारपीट हुई थी | इसी सिलसिले में न्यायलय में रविशंकर प्रसाद के खिलाफ मामला दायर किया गया है ।
याचिकाकर्ता तथा भारतीय जनता युवा मोर्चा के भोजपुर जिला के प्रवक्ता और राजपूत करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह का कहना है कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है और इसी अधिकार के तहत वह 26 मार्च को रविशंकर को पटना साहिब का प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध कर रहे थे । उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री रविशंकर के इशारे पर उन पर जानलेवा हमला हुआ और क़ानून मंत्री के सामने ही क़ानून की धज्जियां उडाई गईं ।
संजीव कुमार सिंह ने कहा कि भाजपा विधायकों नितिन नवीन और अरुण कुमार सिन्हा की उपस्थिति में भाजपा के पटना महानगर युवा मोर्चा के नेताओं ने उन्हें दौड़ा दौड़ा कर पीटा जिसमें उन्हें गम्भीर चोटें आईं और इस जानलेवा हमला में उनकी जेब से पैसे भी गायब हो गए । उन्होंने कहा कि पुलिस के हस्तक्षेप से उनकी जान बची और उनके साथ हुई मार पीट की इस घटना को सभी समाचार चैनलों ने दो – तीन दिनों तक चौबीसों घंटे दिखाया, जिससे उन्हें काफी मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा । उन्होंने कहा कि मार पीट की वजह से उनका स्वास्थ्य खराब हो गया जिससे वह चलने फिरने की स्थिति में नहीं थे और बीच में नवरात्र रहने तथा न्यायालय में छुट्टियां होने की वजह से उन्हें मामला दायर करने में देर हुई ।