बिहार का CM कैंडिडेट बताने वाली पुष्पम को लेकर बोले पिता विनोद चौधरी - जो भी है सोचकर कर रही होगी

बिहार का CM कैंडिडेट बताने वाली पुष्पम को लेकर बोले पिता विनोद चौधरी - जो भी है सोचकर कर रही होगी
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नई दिल्ली। जेडीयू नेता विनोद चौधरी की बेटी पुष्पम प्रिया चौधरी इन दिनों चर्चा में हैं। दरअसल उनके द्वारा बिहार के अखबारों में छपवाए एक विज्ञापन ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। इस विज्ञापन में एक पुष्पम ने बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा से पहले खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

ऐसे में पुष्पम के पिता विनोद चौधरी ने एक टीवी चैनल से कहा कि वह बालिग है और जो कर रही है सोच समझकर कर रही होगी। मैं जद(यु) में बना रहूंगा। वो बड़े विश्वविद्यालयों से पढ़ी लिखी है तो उसकी और मेरी सोच में अंतर संभव है। बेटी को नैतिक समर्थन है लेकिन मैं जदयु में बना रहूंगा। इसके अलावा इसी के लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता शिवनंद तिवारी का बयान भी आया है। उन्होंने कहा कि- ये सिर्फ बचपना है, इसके बतंगड़ न बनाएं।

नेता विनोद चौधरी की बेटी लंदन में रहती हैं। अपनी नई राजनीतिक पार्टी प्लूरल्स के विज्ञापन में पुष्पम ने लिखा है- जो बिहार से प्यार करते हैं और राजनीति से नफरत, उनके लिए ये प्लेटफॉर्म सही है। बिहार को बेहतर की जरूरत है और बेहतर संभव है। पुष्पम लोगों को उनकी पार्टी ज्वाइन कर सत्ता में बैठे लोगों से ताकत छीनने को कह रही हैं। उन्होंने अपने फेसबुक और ट्विटर पर भी इसपर विज्ञापन देते हुए लिखा है कि हमारी पार्टी के पास 2025 और 2030 तक के लिए बिहार का रोडमैप और ब्लूप्रिंट तैयार है।

विज्ञापन में पुष्पम ने खुद को प्लूरल्स दल की अध्यक्ष बताया है। पुष्पम के ट्विटर डीटेल के अनुसार उन्होंने इंग्लैंड के द इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज विश्वविद्यालय से एमए इन डेवलपमेंट स्टडीज और लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एंड पॉलीटिकल साइंस से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए किया है। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब पूरे देश की निगाहें बिहार पर जा टिकी हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण से एक अहम राज्य होने के नाते लगभग सभी सियासी दल अभी से तैयारी में जुट गए हैं। होली से पहले ही रैलियों और यात्राओं का दौर शुरू हो चुका है। सत्तारूढ़ बीजेपी, जद (यू) और लोजपा हो या फिर विपक्ष में बैठी आरजेडी, कांग्रेस, रालोसपा और जीतन राम मांझी की पार्टी हम, हर कोई सियासी गुणा-भाग करने लगी है।

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